क्या केन्या के नेवी कमांडर की भारतीय सेना प्रमुख से मुलाकात समुद्री सहयोग को मजबूत करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- केन्या के नौसेना प्रमुख की भारत यात्रा सैन्य संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर है।
- भारतीय और केन्याई नौसेना के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
- समुद्री सुरक्षा और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- भारत-केन्या के बीच रक्षा सहयोग को और सुदृढ़ करने की दिशा में कदम उठाए गए।
- अफ्रीका-इंडिया की मैरीटाइम एंगेजमेंट पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केन्या के नौसेना प्रमुख मेजर जनरल पॉल ओवुओर ओटेनियो ने सोमवार को नई दिल्ली में भारतीय नौसेना प्रमुख और थल सेनाध्यक्ष से अलग-अलग मुलाकात की। 29 सितंबर को नई दिल्ली में मेजर जनरल ओटेनियो का स्वागत नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने साउथ ब्लॉक लॉन में किया। उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।
इसके बाद भारतीय नौसेना प्रमुख और केन्याई नौसेना कमांडर के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बातचीत में समुद्री सहयोग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें मुख्य रूप से संचालन, प्रशिक्षण, हाइड्रोग्राफिक सहयोग, अफ्रीका-इंडिया की मैरीटाइम एंगेजमेंट यानी ‘एइकीमी’ नौसैनिक अभ्यास और भारत-केन्या ‘बहारी मैरीटाइम विजन’ पर चर्चा की गई।
केन्या नेवी के कमांडर मेजर जनरल पॉल ओवुओर ओटेनियो ने सोमवार को ही नई दिल्ली में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने भारत-केन्या की प्रगाढ़ मित्रता को रेखांकित करते हुए द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने तथा क्षेत्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने पर चर्चा की।
बैठक में हिंद महासागर क्षेत्र की मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों पर भी विचार-विमर्श हुआ और दोनों नेताओं ने शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के साझा संकल्प को दोहराया। केन्या नेवी के चीफ 2 अक्टूबर तक भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं। इस दौरे का उद्देश्य भारत-केन्या के बीच समुद्री सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है।
अपनी यात्रा के दौरान वे गुरुग्राम स्थित इंफॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर-इंडियन ओशन रीजन और कोच्चि स्थित दक्षिणी नौसैनिक कमान के प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों का दौरा करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षण सहयोग को और सुदृढ़ करना है।
गौरतलब है कि भारतीय महासागर क्षेत्र में केन्या नौसेना भारत की एक महत्वपूर्ण साझेदार है। वह बहुपक्षीय अभ्यास एइकीमी व गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव में सक्रिय रूप से भाग लेती रही है। फिलहाल केन्याई नौसेना प्रमुख का यह दौरा भारत-केन्या नौसैनिक संबंधों का एक अहम पड़ाव है, जो साझा हितों और हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
वहीं अफ्रीका-इंडिया की मैरीटाइम एंगेजमेंट यानी ‘एइकीमी’ की बात करें तो, इस अभ्यास में समुद्री डाकुओं और समुद्री डकैतियों के खिलाफ अभ्यास किया जाता है। इस वर्ष भारत समेत 10 देशों के बीच अफ्रीका में यह पहला नौसैनिक अभ्यास था। तंजानिया के दार-ए-सलाम में आयोजित इस छह दिवसीय अभ्यास का समुद्री चरण 16-18 अप्रैल के बीच हुआ।
समुद्री चरण के लिए भारतीय नौसेना का गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस चेन्नई और लैंडिंग शिप टैंक आईएनएस केसरी तंजानिया पहुंचे थे। अफ्रीका में हुए इस महत्वपूर्ण अभ्यास में भारत व तंजानिया के अलावा अफ्रीकी देश कोमोरोस, जिबूती, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका शामिल रहे। वहीं हाल ही में भारतीय नौसेना के फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वॉड्रन के समुद्री जहाज-आईएनएस तीर, आईएनएस सुजाता, आईएनएस शार्दूल और तटरक्षक बल का जहाज सारथी केन्या के मोंबासा में पहुंचा था।