क्या पेट में गैस का खतरा बढ़ रहा है? आयुर्वेद के इन नुस्खों से मिलेगी राहत

सारांश
Key Takeaways
- सही खानपान से गैस की समस्या को रोका जा सकता है।
- आयुर्वेदिक उपाय जैसे अदरक और सौंफ लाभकारी हैं।
- योगासन नियमित रूप से करने से पाचन में सुधार होता है।
- तनाव को कम करने के उपायों पर ध्यान दें।
- खाने के बीच अंतराल होना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के तेज़ रफ़्तार जीवन में पेट में गैस की समस्या बहुत आम हो गई है, लेकिन यह समस्या जितनी सामान्य लगती है, उतनी ही असुविधाजनक और परेशान करने वाली होती है। अधिकांश लोग इसे हल्के में लेते हैं, जबकि यह पाचन तंत्र की गड़बड़ी और बिगड़ी जीवनशैली का संकेत है।
जब भोजन ठीक से नहीं पचता, तो आंतों में किण्वन की प्रक्रिया शुरू होती है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन और मीथेन जैसी गैसें बनती हैं। इसके परिणामस्वरूप पेट में भारीपन, सूजन, डकार, ब्लोटिंग और कभी-कभी पेट दर्द तक हो सकता है।
गैस बनने के प्रमुख कारणों में अनियमित और गलत खानपान शामिल हैं, जैसे तैलीय, मसालेदार और फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन। इसके अलावा, जल्दी-जल्दी खाना, बिना चबाए निगलना और तनाव भी गैस को बढ़ावा देते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, कमजोर जठराग्नि यानी पाचन अग्नि की दुर्बलता गैस का मूल कारण है। देर रात जागना, समय पर भोजन न करना और दालों या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का अधिक सेवन भी इसकी वजह बन सकता है।
हालांकि पेट की गैस के लिए कई घरेलू उपाय मौजूद हैं, जैसे एक चुटकी अजवाइन और काला नमक गुनगुने पानी के साथ लेने से तुरंत राहत मिलती है। अदरक की चाय या अदरक को नमक के साथ चबाना पाचन को मजबूत करता है। भोजन के बाद सौंफ चबाना या इसका पानी पीना गैस बनने से रोकता है और बदबू को भी दूर करता है। हींग का प्रयोग भी कारगर है। इसे गुनगुने पानी में घोलकर पेट पर लगाने या पीने से गैस बाहर निकलती है। नींबू पानी और त्रिफला चूर्ण जैसे उपाय भी बेहद असरदार हैं।
इसके साथ ही जीवनशैली में सुधार करना अत्यंत आवश्यक है। समय पर खाना, धीरे-धीरे चबाकर खाना, खाने के बाद तुरंत लेटने से बचना, और नियमित वॉक तथा योगासन जैसे पवनमुक्तासन और वज्रासन को अपनाना गैस की समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं। खाने के बीच में अंतराल भी होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा, ध्यान और प्राणायाम मानसिक तनाव को दूर करते हैं, जिससे पाचन भी सुधरता है।