क्या अहमदाबाद में ठाकुरजी को चढ़ाया गया 1,200 व्यंजनों का भव्य अन्नकूट?

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क्या अहमदाबाद में ठाकुरजी को चढ़ाया गया 1,200 व्यंजनों का भव्य अन्नकूट?

सारांश

अहमदाबाद में दीपावली के बाद ठाकुरजी के समक्ष आयोजित अन्नकूट उत्सव ने भक्तों को भावविभोर कर दिया। 1,200 विविध व्यंजनों का भव्य आयोजन धार्मिक आस्था और समर्पण का प्रतीक है। इस अनूठे उत्सव ने श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय अनुभव प्रदान किया।

Key Takeaways

  • अन्नकूट उत्सव धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
  • 1,200 विभिन्न व्यंजनों का आयोजन किया गया।
  • भक्तों ने भक्ति भाव से सेवा की।
  • प्रसाद जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा।
  • उत्सव ने सामूहिकता और एकता को बढ़ावा दिया।

अहमदाबाद, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार, दीपावली के उपरांत नए वर्ष की शुरुआत पर ठाकुरजी के समक्ष अन्नकूट का आयोजन एक पवित्र अवसर होता है। यह त्योहार भगवान के प्रति प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करने का अद्भुत तरीका है, जिसमें स्वाद, सुगंध और भक्ति की महक मंदिर के वातावरण को रोशन कर देती है।

इसी परंपरा के तहत अहमदाबाद के शाहीबाग में स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में इस वर्ष भी एक भव्य अन्नकूट उत्सव का आयोजन किया गया।

परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के आशीर्वाद से देश-विदेश के सभी बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिरों में लाखों भक्त और समर्थक इस उत्सव में शामिल हुए। अहमदाबाद के मंदिर में भक्तों और संतों ने ठाकुरजी को 1,200 से अधिक विभिन्न और रंग-बिरंगे व्यंजनों का भव्य अन्नकूट अर्पित किया, जिसकी तैयारी पिछले 45 दिनों से की जा रही थी।

इस आयोजन में व्यंजनों की सजावट कुशल आर्किटेक्ट्स के मार्गदर्शन में की गई, जिसमें हर व्यंजन को उसके प्रकार, रंग और संख्या के अनुसार विधिवत रूप से भगवान के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

इस भव्य उत्सव में पूरे अहमदाबाद से सैकड़ों पुरुष और 1,500 से अधिक महिलाएं श्रद्धा भाव से सेवा में जुटी रहीं। दीपावली और अन्नकूट से जुड़ी विभिन्न तैयारियों और सेवाओं में उनकी भागीदारी ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया।

अन्नकूट उत्सव का प्रसाद केवल मंदिर में उपस्थित भक्तों को नहीं, बल्कि शहर के अन्य मंदिरों और जरूरतमंदों तक भी पहुंचाया जाएगा, जिससे इस दिव्य आशीर्वाद का विस्तार हो सके।

उत्सव के साथ-साथ ‘प्रमुखस्वामी के पदचिह्नों पर’ नामक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में सनातन संस्कृति के वैश्विक प्रसार के प्रयासों को दर्शाया गया। इस प्रदर्शनी ने भक्तों को सनातन धर्म की समृद्ध परंपरा और वैश्विक प्रभाव का जीवंत परिचय दिया।

यह भव्य अन्नकूट दर्शन सुबह 10:30 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा, जहां भक्त इस दिव्य आयोजन का आनंद और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

Point of View

बल्कि यह सामाजिक समर्पण और सेवा का भी प्रतीक है। इस तरह के आयोजन न केवल संस्कृति को संजोते हैं, बल्कि समाज को एकजुट करने का कार्य भी करते हैं।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

अन्नकूट उत्सव का महत्व क्या है?
अन्नकूट उत्सव भगवान के प्रति प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक पवित्र अवसर है।
इस वर्ष अन्नकूट में कितने व्यंजन चढ़ाए गए?
इस वर्ष अन्नकूट में 1,200 से अधिक विविध व्यंजन चढ़ाए गए।
यह आयोजन कब हुआ?
यह आयोजन 22 अक्टूबर को हुआ।
कौन सी संस्थान ने इस आयोजन का आयोजन किया?
यह आयोजन बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर ने किया।
इस उत्सव का प्रसाद किसे दिया जाएगा?
इस उत्सव का प्रसाद मंदिर में उपस्थित भक्तों और जरूरतमंदों को वितरित किया जाएगा।