क्या पीएम कुसुम योजना ने अहमदनगर के किसानों की जिंदगी को बदल दिया?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम कुसुम योजना ने किसानों के लिए सौर ऊर्जा से सिंचाई के विकल्प खोले हैं।
- इससे खेती की लागत में कमी आई है।
- किसानों की आमदनी में वृद्धि हुई है।
- यह योजना पर्यावरण संरक्षण में सहायक है।
- किसानों को सस्ती और निरंतर बिजली मिल रही है।
अहमदनगर, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के उत्थान के लिए अनेक जनहितकारी योजनाओं की घोषणा की है। इनमें से एक है पीएम कुसुम योजना। महाराष्ट्र के किसान इस योजना का लाभ उठाकर सशक्त और समृद्ध हो रहे हैं।
इस योजना के माध्यम से किसान सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का उपयोग करके अपनी फसलों की सिंचाई कर रहे हैं। इससे उनके जीवन में खुशहाली आई है।
अहमदनगर जिले की राहाता तहसील के शिंगवे गांव के किसान दिलीप सयाजी शेजवल ने बताया कि पहले बिजली की समस्याओं के कारण फसलों को समय पर पानी देना मुश्किल था। पीएम कुसुम योजना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने आवेदन किया। कुछ महीनों बाद ही उन्हें सोलर पंप मिल गया, जिससे उनकी यह समस्या समाप्त हो गई है। अब उन्हें समय पर पानी मिलता है, जिससे फसल का उत्पादन भी बेहतर हुआ है।
इसी तरह, किसान योगेश वसंतराव वाबले को भी इस योजना के तहत सोलर पंप मिला है। पहले उन्हें खेतों की सिंचाई के लिए बिजली पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब वह सोलर पंप से सिंचाई कर रहे हैं। इससे उन्हें बिजली कटने की चिंता से निजात मिली है और उनकी खेती की लागत भी कम हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना ने उनकी खेती को नई दिशा दी है।
पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती और निरंतर बिजली मिल रही है, जिससे उनकी खेती की लागत कम हो रही है और आमदनी बढ़ रही है।
गौरतलब है कि सरकार ने मार्च 2019 में पीएम-कुसुम योजना की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य है किसानों को ऊर्जा एवं जल सुरक्षा प्रदान करना, उनकी आय में वृद्धि करना, कृषि क्षेत्र को डीजल रहित बनाना और पर्यावरण प्रदूषण को कम करना।