क्या अजा एकादशी से विष्णु भक्ति से दूर होंगी जीवन की समस्याएं? जानिए व्रत की तिथि और खास उपाय

सारांश
Key Takeaways
- अजा एकादशी का व्रत १९ अगस्त को है।
- भगवान विष्णु की पूजा से जीवन की समस्याएं दूर हो सकती हैं।
- व्रत से आर्थिक संकट और पारिवारिक तनाव से मुक्ति मिल सकती है।
- इस दिन विशेष उपायों का पालन करना लाभकारी होता है।
- अजा एकादशी का व्रत करने से हजारों गोदान जितना पुण्य मिलता है।
नई दिल्ली, १७ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सनातन धर्म में एकादशी व्रतों का महत्वपूर्ण स्थान है। हर वर्ष २४ एकादशियां आती हैं, जिनमें से भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी, जिसे 'अजा एकादशी' कहा जाता है, विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत रखने, पूजा करने और कुछ विशेष उपायों को अपनाने से व्यक्ति के जीवन में समस्याओं का समाधान संभव है। इसके साथ ही आर्थिक संकट और पारिवारिक तनाव से भी मुक्ति मिल सकती है।
इस वर्ष अजा एकादशी का व्रत १९ अगस्त को रखा जाएगा।
पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत १८ अगस्त को शाम ५ बजकर २२ मिनट पर होगी और इसका समापन १९ अगस्त को दोपहर ३ बजकर ३२ मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, व्रत १९ अगस्त को ही मान्य होगा।
अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन भक्त व्रत रखकर जल, फल और तुलसी से श्रीहरि की पूजा करते हैं। इसके अलावा, मां लक्ष्मी की आराधना भी की जाती है ताकि घर में धन-धान्य और समृद्धि बनी रहे। पौराणिक कथाओं में भी इस व्रत के महत्व का उल्लेख मिलता है, जहां इसे पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग बताया गया है।
ज्योतिषियों के अनुसार, अजा एकादशी के दिन कुछ सरल उपाय अपनाना बहुत लाभदायक होता है। जैसे कि, इस दिन भगवान विष्णु को पीले फूल और मिठाई अर्पित करने से कार्यक्षेत्र की बाधाएं दूर होती हैं। वहीं, हल्दी मिले जल से स्नान और केले के पेड़ की पूजा करने से भाग्य का साथ मिलने लगता है।
अजा एकादशी को लेकर मान्यता है कि इसका व्रत करने से हजारों गोदान जितना पुण्य प्राप्त होता है। यही कारण है कि हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस दिन उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं।