क्या अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर किसान संकट को लेकर हमला बोला?
सारांश
Key Takeaways
- अखिलेश यादव ने खाद संकट पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- किसान खाद के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं।
- सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं।
- किसानों की उपेक्षा की जा रही है।
- खाद की कालाबाजारी जारी है।
लखनऊ, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रदेश के किसान खाद के संकट से लगातार जूझ रहे हैं। धान के बाद अब गेहूं और अन्य फसलों की बुआई के लिए भी किसानों को डीएपी और एनपीके जैसे उर्वरक नहीं मिल पा रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार किसानों के प्रति सौतेला व्यवहार कर रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि लखीमपुर खीरी, महोबा, फतेहपुर, बदायूं, अमेठी सहित अन्य जिलों में सहकारी समितियों के बाहर किसानों की लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। किसान घंटों इंतजार करते हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिलती। हर दिन सैकड़ों किसान निराश होकर लौट रहे हैं। जबसे यह सरकार आई है, खाद संकट कम नहीं हो रहा है। खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी बदस्तूर जारी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया है और उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है। यह सरकार पूरी तरह से किसानों के प्रति संवेदनहीन है। यह किसान विरोधी सरकार है। सरकार की साजिश है कि किसानों को खेती और उनकी जमीनों से दूर किया जाए।
अखिलेश यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश के किसानों को पहले धान की फसल के लिए खाद नहीं मिली। कई क्षेत्रों में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया और किसान घायल हुए। अब वही समस्या गेहूं की फसल के लिए भी बनी हुई है। महोबा में हजारों किसान खाद के लिए सहकारी समितियों पर पहुंचे लेकिन केवल कुछ को ही खाद मिली। लखीमपुर में सहकारी समितियों पर खाद नहीं पहुंची।