क्या सियासी पिच पर संघर्षों से भरी है अखिलेश की जिंदगी? सत्ता, प्यार और परिवार हर मोर्चे पर डटे रहे मुलायम के 'लाल'

सारांश
Key Takeaways
- अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को हुआ।
- उन्होंने 2000
- 2012
- उनकी प्रेम कहानी डिंपल यादव के साथ अत्यंत दिलचस्प है।
- अखिलेश ने समाजवादी पार्टी में कई चुनौतियों का सामना किया।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। 15 मार्च 2012, यह एक महत्वपूर्ण तारीख है, जब उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया अध्याय आरंभ हुआ। यूपी की बागडोर एक ऐसे व्यक्ति के हाथों में आई, जो नई सोच और जोश से भरा था। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य का प्रबंधन करना केवल 38 सालअखिलेश यादव ने वर्षों तक मेहनत करके राजनीतिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई।
अखिलेश यादव, जिन्हें प्यार से 'टीपू' कहा जाता है, भारतीय राजनीति में समाजवादी विचारधारा के एक सशक्त और प्रगतिशील नेता हैं। अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की विरासत को न केवल संभाला, बल्कि उसे आधुनिकता2000 में परिस्थितियों ने राजनीति के क्षेत्र में उतारा और तब से उन्होंने युवाओं की उम्मीदों को एक आवाज दी।
अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और मालती देवी के घर हुआ। इटावा के छोटे से गांव सैफई में जन्मे अखिलेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा धौलपुर मिलिट्री स्कूल, राजस्थान से प्राप्त की और बाद में मैसूर यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया का रुख किया, जहां उन्होंने पर्यावरण इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।
कहा जाता है कि अखिलेश यादव सियासत में नहीं आना चाहते थे, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया। 2000 में कन्नौज से लोकसभा उपचुनाव जीतकर उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की। एक दशक तक उन्होंने संसद से लेकर सड़क तक युवाओं के लिए संघर्ष किया। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें युवाओं की उम्मीद बना दिया।
जब युवाओं के बीच अखिलेश यादव की उम्मीद ने उड़ान भरी, तब सूबे की बागडोर केवल 38 साल2012 में, उन्होंने समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। उन्होंने विकासवादी राजनीति के सफल मॉडल के जरिए 20 करोड़
हालांकि, जितनी चर्चा उनके कार्यों की हुई, उतनी ही आलोचनाओं का सामना भी उन्हें करना पड़ा। अखिलेश के नेतृत्व वाली सरकार को साढ़े पांच मुख्यमंत्रियों वाली सरकार2012मुलायम सिंह यादवशिवपाल यादव
इसके बावजूद, अखिलेश ने अपनी युवा छवि और विकास केंद्रित नीतियों के माध्यम से पार्टी को नई ऊर्जा प्रदान की। लेकिन 2017गायत्री प्रजापति
सियासत से इतर, अखिलेश यादव और डिंपल यादव