क्या अमराराम मेघवाल को जोधपुर सेंट्रल जेल में सोनम वांगचुक से मिलने की अनुमति नहीं मिली?

सारांश
Key Takeaways
- अमराराम मेघवाल का सोनम वांगचुक से मिलने का प्रयास
- सेंट्रल जेल के बाहर पुलिस द्वारा रोक
- राजनीतिक अधिकारों की बहस
- सामाजिक कार्यकर्ता का महत्व
- जनता के नेता की स्वतंत्रता की आवश्यकता
जोधपुर, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधि अमराराम मेघवाल मंगलवार को सोनम वांगचुक से मिलने के लिए जोधपुर की सेंट्रल जेल पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अमराराम मेघवाल को सेंट्रल जेल से 500 मीटर दूर ही रोक दिया।
जानकारी के अनुसार, सेंट्रल जेल से 500 मीटर की दूरी पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए हैं। तीन लहरों में बैरिकेड्स स्थापित किए गए हैं, ताकि सोनम वांगचुक से कोई भी नेता न मिल सके।
इस संबंध में अमराराम मेघवाल ने कहा कि सोनम वांगचुक जनता के नेता हैं। सरकार वादा करके भूल जाती है। जो नेता इन वादों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं, उन्हें जेल में बंद कर दिया जाता है और ऐसे नेताओं को इस तरह से गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया जाता है।
अमराराम मेघवाल ने आगे बताया कि सोनम वांगचुक सरकार को उनके वादों के लिए याद दिला रहे थे, लेकिन उन्हें काले कानून की तरह लेह लद्दाख से लाकर जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया। यह कार्य निंदनीय है, इसलिए हम सोनम वांगचुक से मिलने के लिए यहां प्रतिनिधिमंडल लेकर आए हैं।
जब अमराराम से पूछा गया कि अगर उन्हें मिलने नहीं दिया जाएगा तो वे क्या करेंगे, तो उन्होंने कहा कि क्यों नहीं मिलने दिया जाएगा? क्या वे आतंकवादी हैं या मैं आतंकवादी हूं? क्या किसी से मिलना अपराध है? उन्होंने कहा कि यह आजाद भारत है और किसी को मिलने से रोका नहीं जा सकता है।
अमराराम मेघवाल ने बताया कि उन्होंने सोनम वांगचुक से मिलने के लिए सेंट्रल जेल प्रशासन को मेल भेजा है। अब वे मेल के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी उन्हें सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया जाता है, तो वे अगले कदम उठाएंगे।