क्या खराब मौसम के कारण अमरनाथ यात्रा को समय से पहले स्थगित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- अमरनाथ यात्रा को खराब मौसम के कारण स्थगित कर दिया गया है।
- यात्रा का पुनः प्रारंभ मौसम पर निर्भर करेगा।
- तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
- इस यात्रा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
- हेलीकॉप्टर सेवा इस वर्ष उपलब्ध नहीं थी।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रविवार से स्थगित कर दिया गया है। यह यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होने वाली थी, लेकिन अब इसे लगभग एक सप्ताह पहले ही रोक दिया गया है।
अधिकारियों ने यात्रा को समय से पहले बंद करने की वजह खराब मौसम और यात्रा मार्गों की बिगड़ती स्थिति को बताया है।
तीन दिन पहले हुई भारी बारिश के चलते यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया था। शनिवार को अधिकारियों ने जानकारी दी कि बालटाल और पहलगाम, दोनों पारंपरिक मार्गों से यात्रा को फिर से शुरू नहीं किया जाएगा, क्योंकि मार्ग असुरक्षित हैं और उन्हें तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है।
कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि हाल की भारी बारिश ने क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए मार्ग असुरक्षित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों मार्गों की तत्काल मरम्मत की जरूरत है और मरम्मत के लिए मशीनरी एवं कर्मचारियों को तैनात करना संभव नहीं है।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष लगभग चार लाख तीर्थयात्री पवित्र गुफा के दर्शन करने में सफल रहे हैं। हालांकि, अधिकारियों ने स्वीकार किया कि पिछले सप्ताह तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है, संभवतः मौसम की खराबी के कारण।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए एक बड़े आतंकी हमले के बाद इस वर्ष की यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को काफी बढ़ा दिया गया था। सरकार ने मौजूदा सुरक्षा बलों के अलावा 600 से अधिक अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया, जिससे यह देश की सबसे कड़ी सुरक्षा वाली तीर्थयात्राओं में से एक बन गई।
तीर्थयात्रियों को जम्मू से दोनों बेस कैंपों तक कड़ी निगरानी वाले काफिलों में ले जाया जाता था और श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर काफिले के दौरान नागरिकों की आवाजाही रोक दी जाती थी।
पहलगाम मार्ग से यात्रा करने वाले तीर्थयात्री चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होते हुए गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और कुल 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं।
गुफा मंदिर तक पहुंचने में तीर्थयात्रियों को चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले तीर्थयात्री गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटते हैं। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।