क्या अमित शाह ने जोधपुर में 'श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय' का शिलान्यास किया?

सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह ने जोधपुर में शिलान्यास किया।
- दृष्टिबाधित बच्चों के लिए शिक्षा का महत्वपूर्ण कदम।
- तीन नए भवन और एक हॉस्टल का निर्माण।
- राजस्थान सरकार का समाज सेवा में योगदान।
- स्थानीय समुदाय का सकारात्मक समर्थन।
जोधपुर, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को जोधपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने ‘श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय’ के नए भवन और छात्रावास की आधारशिला रखी।
इस शिलान्यास समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और मंत्री के.के. विश्नोई जैसे कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे। समारोह का प्रारंभ गृहमंत्री शाह द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय कई वर्षों से दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। इस अवसर पर अमित शाह ने तीन नए भवनों और एक हॉस्टल बिल्डिंग का शिलान्यास किया, जो दिव्यांग छात्रों के लिए बेहतर शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इस पहल से संस्थान की क्षमता बढ़ेगी और अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।
अमित शाह ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, "श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय कई वर्षों से दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए अद्वितीय कार्य कर रहा है। मैं इस महाविद्यालय के नए भवन और छात्रावास का शिलान्यास कर रहा हूं।" उन्होंने कहा कि यह पहल शिक्षा के क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक समावेशन और सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देने में सहायक होगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि यह परियोजना राजस्थान में दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा के अवसरों को और मजबूत करेगी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार हर वर्ग के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे रही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस अवसर पर संस्थान के कार्यों की सराहना की और इसे सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
यह जानकारी महत्वपूर्ण है कि ‘श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय’ का शिलान्यास जोधपुर में सामाजिक और शैक्षिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय लोगों और संस्थान से जुड़े व्यक्तियों ने इस पहल का गर्मजोशी से स्वागत किया है।