क्या अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले पर सवाल उठाने वालों को स्पष्ट जवाब दिया?

सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले के तीनों आतंकवादियों को समाप्त करने की पुष्टि की।
- एसपी वैद ने बयान दिया कि यह सरकार के समर्थन में है।
- बंटवारे के समय कांग्रेस की जिम्मेदारी पर चर्चा की गई।
- सुरक्षा बलों की कार्रवाई की प्रशंसा की गई।
- पीड़ित परिवारों को सुकून मिलने की उम्मीद जताई गई।
जम्मू, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' की चर्चा के दौरान 'ऑपरेशन महादेव' का उल्लेख करते हुए बताया कि पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकियों को समाप्त कर दिया गया। एसपी वैद ने कहा कि यह उन लोगों को सीधा जवाब है, जो सरकार पर प्रश्न उठा रहे थे।
मंगलवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि गृह मंत्री की आज की घोषणा उन सभी को उत्तर है, जो पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने दुःख के साथ कहा कि दो दिन पहले पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने सवाल किया था कि हम इसे पाकिस्तान से कैसे जोड़ रहे हैं। हालांकि, मुझे लगता है कि अमित शाह के बयान के बाद उन्हें भी उत्तर मिला होगा। वह पूर्व में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और जानते हैं कि ऐसी हरकतें केवल और केवल पाकिस्तान ही करता है।
सदन में अमित शाह के बंटवारे संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि जहां तक बंटवारे का प्रश्न है, मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन यह सत्य है कि बंटवारे के समय कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी और इसलिए उसकी जिम्मेदारी भी बनती है। लाखों लोग दोनों तरफ से मारे गए। यदि कांग्रेस एक ठोस स्टैंड लेती, तो अंग्रेजों की हिम्मत नहीं होती कि बंटवारा होता।
उन्होंने कहा कि पहलगाम में जिन्होंने अपनों को खोया, अमित शाह के बयान के बाद यह वास्तव में एक सुकून का पल होगा। कम से कम परिवारों को यह तो लगेगा कि उनके प्रियजनों की हत्या करने वालों को दंड दिया गया है और पुलिस, सुरक्षा बलों और भारतीय सेना से उनकी जो उम्मीदें थीं, वे अब पूरी हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि पहलगाम का बदला लिया गया है और गृह मंत्री अमित शाह ने पुष्टि की है कि तीनों आतंकवादियों की पहचान कर ली गई है। उनके नाम सुलेमान, अफगान और जिबरान हैं। तीनों 'ए श्रेणी' के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी थे और सभी पाकिस्तानी नागरिक थे। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने पूरी तरह से पुष्टि होने का इंतजार किया कि ये वास्तव में पाकिस्तानी आतंकवादी थे और वही लोग थे, जिन्होंने पहलगाम हमले को अंजाम दिया था। उनकी पहचान पुख्ता सबूतों, जैसे उनके पास से बरामद राइफलों की चंडीगढ़ में सीएफएसएल जांच, फॉरेंसिक और मानव सबूतों से हुई।