क्या सहकारी आंदोलन की मजबूती से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल?

सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह ने सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने का आह्वान किया।
- जीएसटी दरों में कमी किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है।
- जैविक खेती की ओर बढ़ने की आवश्यकता है।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारी क्षेत्र में सुधार हो रहे हैं।
- सहकारिता से ही भारत की आत्मनिर्भरता संभव है।
राजकोट, २२ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह एवं सहकार मंत्री अमित शाह ने सोमवार को गुजरात के राजकोट में सहकारी क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने किसानों को जीएसटी दरों में कमी से होने वाले लाभ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नवरात्रि पर किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपहार है।
राजकोट यात्रा के दौरान, अमित शाह ने राजकोट जिला सहकारी बैंक की साधारण सभा और किसान महासम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने सहकारी क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं और क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तियों को नमन किया। उन्होंने बैंक के पूर्व चेयरमैन सरदार वल्लभभाई पटेल और स्व. विठ्ठलभाई रादड़िया की प्रतिमाओं का अनावरण भी किया। शाह ने कहा कि इन महान नेताओं का योगदान सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने और किसानों को संगठित करने में सदैव याद रखा जाएगा।
अपने संबोधन में, उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में सहकार मंत्रालय का गठन किया था, जो किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इस मंत्रालय द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि सहकारी संस्थाओं का लाभ सीधे साधारण किसानों तक पहुंचे। शाह ने यह भी कहा कि सहकारी आंदोलन की मजबूती से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उन्होंने सौराष्ट्र के किसानों से अनुरोध किया कि वे रासायनिक खादों का उपयोग कम कर जैविक खेती की ओर अग्रसर हों। उनका कहना था कि वैश्विक स्तर पर ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है, और यदि भारत इस क्षेत्र में प्रगति करेगा तो किसानों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
अमित शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है। सहकारी क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं ताकि 'सहकारिता से समृद्धि' की योजना को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने किसानों को जीएसटी दरों में कमी से मिलने वाले लाभ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नवरात्रि पर किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार भी व्यक्त किया।
गृह मंत्री ने अपने भाषण के अंत में किसानों और सहकारी संगठनों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर सहकारिता को और मजबूत करें, क्योंकि यही भारत की आत्मनिर्भरता और समृद्धि की कुंजी है।
गौरतलब है कि अमित शाह रविवार से ही दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। नवरात्रि के पहले दिन, वे सूरत के कोसमाडा स्थित एंथम सर्कल में निर्माणाधीन इस्कॉन मंदिर के भूमिपूजन में शामिल हुए। लगभग 101 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह भव्य मंदिर धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र होगा। मंदिर परिसर में महिला रोजगार केंद्र, स्वास्थ्य क्लिनिक और गरीबों के लिए मुफ्त भोजन जैसी सामाजिक पहलें भी शुरू की जाएंगी। इस परियोजना को शाह ने समाज सेवा और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम बताया।