राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन: क्या अमित शाह ने रियल टाइम डेटा शेयरिंग के लिए विश्वसनीय इकोसिस्टम बनाने पर जोर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रीय स्तर पर रियल टाइम डेटा शेयरिंग का महत्व।
- मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का पुनर्नवीनीकरण।
- राज्यों के बीच समन्वय और सजगता की आवश्यकता।
- युवा अधिकारियों के लिए मार्गदर्शन का महत्व।
- सुरक्षा बलों का विश्वस्तरीय बनाना।
नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन के समापन सत्र में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभरा है। इस दौरान उन्होंने एजेंसियों को उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर रियल टाइम डेटा शेयरिंग तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2025 के 8वें राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को न केवल फिर से स्थापित किया, बल्कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से इसे प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में उपस्थित समस्याओं का समाधान मोदी सरकार ने किया है। भारत तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था में से एक है, इसलिए हमें चुनौतियों का सामना करने के लिए और सजग रहना होगा। इस सम्मेलन में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा युवा अधिकारियों को मार्गदर्शन देना और समस्याओं का समाधान ढूंढने की प्रक्रिया को साझा करना महत्वपूर्ण है।
अमित शाह ने कहा कि सभी राज्यों के पुलिस बल और केंद्रीय जांच एजेंसियों को विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके लिए रियल टाइम डेटा शेयरिंग का एक विश्वसनीय इकोसिस्टम स्थापित किया जाना चाहिए। सभी एजेंसियों के दृष्टिकोण में सुरक्षा, सजगता और समन्वय होना आवश्यक है।