क्या अमित शाह ने विपक्ष के हंगामे पर टिप्पणी की? जानिए उनके शब्द!

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क्या अमित शाह ने विपक्ष के हंगामे पर टिप्पणी की? जानिए उनके शब्द!

सारांश

नई दिल्ली में लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के हंगामे पर तीखे शब्द कहे। उन्होंने कहा कि विपक्ष को भारत के विदेश मंत्री पर विश्वास नहीं है। जानिए इस महत्वपूर्ण चर्चा का पूरा विवरण।

Key Takeaways

  • अमित शाह ने विपक्ष के हंगामे पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
  • 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एस जयशंकर ने भारत की जीरो टॉलरेंस नीति स्पष्ट की।
  • विपक्ष को सदन में शांतिपूर्ण चर्चा करने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने विचार रख रहे थे। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा करते हुए व्यवधान उत्पन्न किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस हंगामे पर भड़क गए।

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भारत के विदेश मंत्री पर नहीं, बल्कि पाकिस्तान पर भरोसा है। इसलिए वे उधर बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं रहने वाले हैं।

अमित शाह ने कहा, "मुझे इस बात पर आपत्ति है कि भारत देश की शपथ लिए हुए विदेश मंत्री यहां बोल रहे हैं, उन पर भरोसा नहीं है, बल्कि किसी और देश पर भरोसा है। मैं समझ सकता हूं कि उनकी पार्टी में विदेश का क्या महत्व है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी बातें यहां सदन में थोपी जाएं। भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं करोगे। यही कारण है कि वे वहां (विपक्षी बेंचों पर) बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठने वाले हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे। मैं आपको कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं। अब वे सत्य भी नहीं सुन पा रहे हैं। बैठे-बैठे सबको टोका-टाकी करना सबको आता है। ऐसा नहीं है कि हमें नहीं आता है। मगर, जब इतने गंभीर विषय पर चर्चा हो रही हो तो सरकार के प्रमुख विभाग के मंत्री को बोलते हुए टोकना क्या ये विपक्ष को शोभा देता है? अध्यक्ष जी, आप उन्हें समझाइए, वरना हम भी बाद में अपने सदस्यों को कुछ नहीं समझा पाएंगे।

वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है, खासकर जब यह पाकिस्तान से शुरू होता है।

उन्होंने यह भी साफ किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई।

जयशंकर ने कहा, "22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक चर्चाओं में हंगामा और व्यवधान केवल लोकतंत्र की प्रक्रिया को कमजोर करते हैं। विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वे सदन में सार्थक चर्चा करें, जबकि सरकार को भी विपक्ष के विचारों का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

अमित शाह ने विपक्ष पर क्या आरोप लगाए?
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष को भारत के विदेश मंत्री पर विश्वास नहीं है, बल्कि पाकिस्तान पर भरोसा है।
क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा में कोई नई जानकारी मिली?
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई थी।