क्या अमित शाह ने महागठबंधन की एकता पर सवाल उठाया?
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन में एकता की कमी पर सवाल उठाया गया।
- बिहार की सुरक्षा और विकास के लिए एनडीए का नेतृत्व आवश्यक है।
- अमित शाह ने जंगलराज की याद दिलाई।
- बिहार के लिए रोजगार और निवेश के वादे किए गए।
हाजीपुर, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार चुनाव में एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करते हुए वैशाली जिले के महुआ में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने महागठबंधन में आपसी संघर्ष का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस गठबंधन में एकता नहीं है, वह बिहार को एकजुट नहीं रख सकता।
ब्रह्मानंद उच्च विद्यालय के मैदान में आयोजित इस सभा में अमित शाह ने कहा कि वैशाली वह भूमि है जिसने दुनिया में लोकतंत्र के सिद्धांतों की नींव रखी। यह क्षेत्र भगवान महावीर और भगवान बुद्ध की कर्मभूमि भी रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि इस चुनाव में एनडीए के सामने खड़े सभी दलों में तू-तू मैं-मैं हो रही है। जिस गठबंधन में एकता नहीं हो, वह बिहार को एकजुट नहीं रख सकता। बिहार को एकजुट और सुरक्षित रखने का कार्य केवल नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ही कर सकता है।
अमित शाह ने आगे कहा, "इस चुनाव में एनडीए का गठबंधन पांच पांडवों की तरह मजबूती से चुनावी मैदान में उतर रहा है। सभी पार्टियां जंगलराज को रोकने के लिए एकजुट हैं।"
उन्होंने जनसभा में उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि लालू-राबड़ी के राज में बिहार में रोजाना नरसंहार, हत्याएं, अपहरण और फिरौती के मामले होते थे। अब वही जंगलराज के नए चेहरे और नए भेष में लौट रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि लालू यादव ने बिहार में केवल घोटाले और भ्रष्टाचार किया है। चारा घोटाला, लैंड फॉर जॉब घोटाला और बाढ़ राहत घोटाला जैसे कई मामले सामने आए हैं।
उन्होंने लोगों से अपील की कि इस बार एनडीए की सरकार बनाएं, जो एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का कार्य करेगी। 100 एमएसएमई पार्क और 50 हजार से ज्यादा कुटीर उद्योग स्थापित किए जाएंगे और कृषि व बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।