क्या घुसपैठिए लालू यादव और राहुल गांधी का वोट बैंक हैं?

सारांश
Key Takeaways
- घुसपैठियों का नाम मतदाता सूची से काटा जाएगा।
- लालू यादव और राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगे हैं।
- बिहार में एनडीए की सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम मोदी की छवि साफ है।
बेगूसराय, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एसआईआर के विरोध पर विपक्ष को जोरदार निशाना बनाते हुए कहा कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण में घुसपैठियों के नाम जब कटे हैं, तो लालू यादव के पेट में दर्द होना स्वाभाविक है।
उन्होंने कहा कि घुसपैठिए दरअसल लालू यादव और राहुल गांधी के वोट बैंक हैं। बेगूसराय के बरौनी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग निश्चित रूप से नाम काटने वाला है, लेकिन यह नाम यहां के नागरिकों का नहीं, बल्कि घुसपैठियों का होगा। उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने घुसपैठियों को बचाने के लिए बिहार में यात्रा निकाली। यह यात्रा वोटर अधिकार यात्रा नहीं, बल्कि घुसपैठिया बचाओ यात्रा थी।
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि इंडी गठबंधन वाले गरीबों और बिहार के युवाओं की चिंता नहीं करते, बल्कि बांग्लादेश से आए हुए घुसपैठियों की चिंता करते हैं। उन्होंने कहा, "मैं आज बताना चाहता हूं कि बिहार में एक बार फिर से पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनाएँ, घुसपैठियों को चुन-चुन कर निकालने का काम होगा। मतदाताओं के गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची को घुसपैठियों के प्रदूषण से मुक्त करना है।"
भाजपा के नेता ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में हमारा बहुमत ऐसा होगा कि अगली बार तेजस्वी यादव चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे। उन्होंने हाल में बिहार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की एनडीए सरकार ने 125 यूनिट बिजली मुफ्त कर दी, दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाई, और अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने की घोषणा की है।
इस क्रम में उन्होंने लालू यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों का उल्लेख करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार करने वाले बिहार का भला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक रहे, लेकिन एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा।