क्या अमृतसर में ड्रोन से भेजी गई 12 किलो से अधिक हेरोइन बरामद हुई?
सारांश
Key Takeaways
- ड्रोन से हेरोइन की तस्करी एक नई चुनौती है।
- पंजाब पुलिस की सक्रियता को सराहा जाना चाहिए।
- आगे की जांच में तकनीकी सबूतों का उपयोग किया जा रहा है।
- पाकिस्तानी तस्करों का नेटवर्क सक्रिय है।
- सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
अमृतसर, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (बॉर्डर रेंज) ने बीएसएफ के सहयोग से एक संयुक्त अभियान के दौरान ड्रोन से भेजी गई करीब 12 किलोग्राम संदिग्ध हेरोइन का पता लगाया है।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि ड्रोन की गतिविधियों की खुफिया सूचना मिलने के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान संदिग्ध पैकेट मिले, जिनमें भारी मात्रा में हेरोइन विद्यमान थी। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि यह खेप सीमा पार से ड्रोन के माध्यम से भेजी गई थी, जिसे स्थानीय नेटवर्क के जरिए आगे भेजा जाना था।
वर्तमान में, इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही तस्करी के आगे और पीछे के लिंक का पता लगाने के लिए तकनीकी सबूतों और मुखबिर की मदद से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इस नेटवर्क में कौन-कौन लोग शामिल थे और ड्रोन ऑपरेशन को कहां से संचालित किया जा रहा था।
डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस ड्रोन आधारित नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने और सीमा पर सक्रिय ड्रग नेटवर्क को समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में इस तरह की संयुक्त कार्रवाई को और तेज किया जाएगा।
20 दिसंबर को, पंजाब की स्टेट स्पेशल ऑपरेशंस सेल (एसएसओसी), एसएएस नगर ने भारतीय सेना के भगोड़े जवान राजबीर सिंह उर्फ फौजी और उसके साथी को सीमा पार ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के रैकेट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय एक हैंड ग्रेनेड और 500 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी।
गौरव यादव ने बताया कि राजबीर सिंह इस वर्ष की शुरुआत में अमृतसर ग्रामीण के पुलिस स्टेशन घरिंडा में दर्ज जासूसी मामले में भी वांछित था। जांच में उसकी भूमिका हरियाणा के सिरसा में एक महिला पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड हमले की साजिश में भी सामने आई थी, जिसमें ग्रेनेड की डिलीवरी और हमले के लिए फंडिंग शामिल थी।
एसएसओसी की टीम ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की थी। आरोपी पाकिस्तान आधारित तस्करों और आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़े थे, जो सीमा पार से ड्रग्स और हथियारों को भेजकर पंजाब में अशांति फैलाने का प्रयास कर रहे थे।