क्या अमृतसर में पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों का प्रदर्शन सरकार के लिए चुनौती बन गया?

सारांश
Key Takeaways
- कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
- सरकार पर आरोप है कि उन्होंने मांगों को नजरअंदाज किया।
- एडीसीपी ने यातायात को सुचारू किया है।
- अगली बैठक 28 अक्टूबर को होगी।
- सरकार को समाधान निकालने की जरूरत है।
अमृतसर, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (पीआरटीसी) और पनबस के कर्मचारियों ने आज गुरुवार को अमृतसर समेत पांच जिलों में चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही है।
कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर अमृतसर के गोल्डन गेट पर बैठकर प्रदर्शन शुरू किया, जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। पुलिस ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन इसके बाद दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। मौके पर मौजूद कुछ पत्रकारों ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनसे बदसलूकी की।
किसान नेता बलजीत सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि सरकार हमारी मांग नहीं मान रही है। इसलिए हम लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। हमने पहले ही सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तो हम सड़क पर उतर सकते हैं। अब सरकार और मैनेजमेंट के बीच सहमति बन गई है।
उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट ने एडीसीपी हरपाल सिंह की टीम के साथ बातचीत के बाद 31 अक्टूबर तक टेंडर प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया है। 28 अक्टूबर को यूनियन के साथ विशेष बैठक भी आयोजित की जाएगी। बैठक के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
बलजीत सिंह ने कहा कि यदि सरकार से समाधान नहीं हुआ, तो अगली रणनीति का ऐलान किया जा सकता है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण कर्मचारियों को बार-बार सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
एडीसीपी जगजीत सिंह वालिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि गोल्डन गेट पर लगा जाम अब खोल दिया गया है और यातायात सुचारू रूप से शुरू हो गया है। सरकार ने कर्मचारियों के साथ बातचीत कर अगली तारीख तय कर दी है और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।