क्या अमृतसर का युवक गुरप्रीत सिंह ईरान से सुरक्षित लौटा? तरुण चुघ ने पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर को धन्यवाद दिया

Click to start listening
क्या अमृतसर का युवक गुरप्रीत सिंह ईरान से सुरक्षित लौटा? तरुण चुघ ने पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर को धन्यवाद दिया

सारांश

पंजाब के अमृतसर के युवक गुरप्रीत सिंह ने मानव तस्करों के चंगुल से बचकर भारत लौटने के लिए सरकार के प्रयासों का धन्यवाद किया। उनका अनुभव युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।

Key Takeaways

  • गुरप्रीत का अनुभव मानव तस्करी के खतरे का उदाहरण है।
  • सरकार का त्वरित हस्तक्षेप महत्वपूर्ण था।
  • युवाओं को हमेशा कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए।
  • अवैध रास्ते दुख और खतरे का कारण बनते हैं।
  • सामाजिक मीडिया का प्रभाव महत्वपूर्ण होता है।

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के अमृतसर का एक युवक गुरप्रीत सिंह, जो मानव तस्करों का शिकार बनकर ईरान में फंस गया था, भारत सरकार के त्वरित हस्तक्षेप के चलते अब सुरक्षित रूप से अपने घर लौट आया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने रविवार को गुरप्रीत की सुरक्षित वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार व्यक्त किया।

भाजपा नेता तरुण चुघ ने अमृतसर में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि यह मामला अत्यंत भावनात्मक और संवेदनशील है, क्योंकि गुरप्रीत का परिवार सोशल मीडिया पर उसके दुःख का वीडियो सामने आने के बाद दो सप्ताह से चिंतित था।

उन्होंने कहा, "सरकार के समय पर हस्तक्षेप के कारण युवक को बचा लिया गया है और उसे उसके परिवार से मिला दिया गया है। हम प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और भारतीय उच्चायोग द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के लिए उनके प्रयासों की दिल से सराहना करते हैं।"

अपने कष्टदायक अनुभव को याद करते हुए गुरप्रीत ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि उन्होंने प्रारंभ में कानूनी तरीकों से ब्रिटेन के लिए छात्र और पर्यटक वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन बार-बार अस्वीकृति के बाद उन्होंने एक एजेंट की मदद ली।

उन्होंने कहा, "एजेंटों ने मुझे दूसरे रास्ते से विदेश भेजने का वादा किया था, लेकिन ईरान पहुंचते ही उन्होंने मुझे एक होटल के कमरे में बंद कर दिया और पैसे मांगने लगे। मेरे साथ कुछ और लोग भी थे, जिनमें राजस्थान का एक व्यक्ति भी शामिल था, लेकिन मुझे नहीं पता कि वह भारत लौटा है या नहीं।"

गुरप्रीत ने यह भी कहा, "वे मेरे परिवार को फोन करते थे और 50 लाख रुपए की मांग करते थे। वे मुझे मारते भी थे और मुझे लगातार धमकाते रहते थे। ऐसा लगता था कि मैं कभी जिंदा वापस नहीं लौट पाऊंगा।"

उन्होंने कहा कि हमें शारीरिक और मानसिक यातना दी गई। मैं अन्य युवाओं से एजेंटों के झूठे वादों में न फंसने की अपील करता हूं।

उन्होंने कहा, "मैं यह गलती दोबारा कभी नहीं दोहराऊंगा। मैं दूसरों से कहना चाहता हूं कि वे केवल कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें।"

भाजपा नेता तरुण चुघ ने युवा पीढ़ी को एजेंटों के बहकावे में आने से सावधान किया, जो उन्हें आसानी से विदेश में बसने का सपना दिखाकर लुभाते हैं।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "कोई भी अवैध रास्ता या शॉर्टकट समृद्धि नहीं ला सकता, यह केवल दुख और खतरा ही लाता है।"

गुरप्रीत के पिता बलकार सिंह ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने राहत भरी आवाज में कहा, "मेरा बेटा 14 दिनों तक ईरान में फंसा रहा और उसे बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ा, लेकिन सरकार ने हर कदम पर हमारी मदद की और अब वह सुरक्षित घर वापस आ गया है।"

Point of View

बल्कि यह युवा पीढ़ी के लिए एक चेतावनी भी है कि वे अवैध रास्तों से बचें। सरकार का त्वरित हस्तक्षेप और कार्यवाही प्रशंसा के योग्य है।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

गुरप्रीत सिंह कौन हैं?
गुरप्रीत सिंह पंजाब के अमृतसर का एक युवक हैं, जो मानव तस्करों के शिकार बनकर ईरान में फंस गए थे।
गुरप्रीत की सुरक्षित वापसी में किसने मदद की?
भारत सरकार के त्वरित हस्तक्षेप ने गुरप्रीत की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की।
तरुण चुघ ने किसका आभार व्यक्त किया?
तरुण चुघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार व्यक्त किया।
गुरप्रीत ने किन समस्याओं का सामना किया?
गुरप्रीत ने मानव तस्करों के साथ शारीरिक और मानसिक यातना का सामना किया।
क्या ये घटना युवाओं के लिए एक चेतावनी है?
हाँ, यह घटना युवाओं को अवैध रास्तों से बचने की चेतावनी देती है।