क्या मतदाता सूची की शुद्धता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए देशभर में हो एसआईआर?: अनिल राजभर

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची की शुद्धता और सटीकता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
- बाहरी ताकतों का चुनावी प्रक्रिया पर प्रभाव कम करना चाहिए।
- किसी भी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
लखनऊ, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर विपक्षी दलों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रयास होना अत्यंत आवश्यक है।
अनिल राजभर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया के दौरान कई करोड़ नामों को मतदाता सूची से हटाना पड़ा है। यह दर्शाता है कि बाहरी ताकतें हमारी चुनावी व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। इसके साथ ही, 22 लाख से ज्यादा नए नाम जोड़े गए हैं। अब जब अंतिम मतदाता सूची हमारे सामने है, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि मतदाता सूची की शुद्धता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे बांग्लादेशी और रोहिंग्या के माध्यम से बिहार के विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे थे। चुनाव आयोग की इस कार्रवाई से उन्हें नुकसान हो रहा है। संविधान में वोट देने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को दिया गया है।
राजभर ने बरेली में हुई हिंसा के बाद आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई पर कहा कि किसी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जो लोग वीडियो फुटेज में दिखे हैं और जिन्होंने पुलिस बल पर हमला किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। पुलिस प्रमाण और साक्ष्य के साथ कार्रवाई कर रही है। जो लोग प्रदेश और देश के विकास का विरोध कर रहे हैं, वे अब दंगे का सहारा ले रहे हैं। लेकिन प्रदेश सरकार सख्त है और ऐसा होने नहीं देगी।
अनिल राजभर ने पूर्व मंत्री लक्ष्मी प्रजापति पर हुए हमले को दुखद बताते हुए कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है। इस मामले में सरकार ने गहन जांच का आदेश दिया है। इस घटना के पीछे जो लोग हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।