क्या अरुणाचल प्रदेश में दीपावली समारोह के दौरान लगी आग में असम राइफल्स ने जानें बचाई?

सारांश
Key Takeaways
- असम राइफल्स की त्वरित कार्रवाई ने कई जानें बचाईं।
- स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई थी।
- आग का कारण पटाखों का असुरक्षित उपयोग था।
- प्रशासन ने राहत कार्य का आश्वासन दिया।
- आग बुझाने में स्थानीय स्वयंसेवकों ने भी सहयोग किया।
खोनसा (तिरप), 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के खोनसा कस्बे में दीपावली के जश्न के दौरान रात लगभग 11:30 बजे एक भीषण आग भड़क उठी।
मुख्य बाजार क्षेत्र में पटाखों की चिंगारी से यह आग शुरू हुई, जो तेजी से आसपास की दुकानों और आवासों तक फैल गई। इस घटना ने इलाके में panic फैला दिया, और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
जानकारी के अनुसार, आग की शुरुआत एक दुकान से हुई, जहां पटाखों का ढेर था। हवा के कारण आग ने आसपास के घरों और दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी। इस बीच, खोनसा में तैनात असम राइफल्स के जवानों ने साहस दिखाया। वे कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया।
असम राइफल्स के जवानों ने जिला अग्निशामक विभाग, सीआरपीएफ कर्मियों और स्थानीय स्वयंसेवकों के साथ मिलकर आग बुझाने की कार्रवाई की। उन्होंने पानी की सप्लाई और अग्निशामक उपकरणों का उपयोग कर आग को नियंत्रित करने की कोशिश की। उनकी त्वरित कार्रवाई ने आग को और फैलने से रोकने में मदद की। इस दौरान कई लोगों को सुरक्षित बचाया गया, और घनी आबादी वाले इलाके में एक बड़ा हादसा टल गया।
स्थानीय निवासी ने कहा कि आग इतनी भयंकर थी कि हमें लगा कि सब कुछ खत्म हो जाएगा, लेकिन असम राइफल्स के जवानों ने हमारी जान बचाई। आग ने कई दुकानों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को तात्कालिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।
वहीं, मौके पर पहुंचे एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण पटाखों का असुरक्षित उपयोग हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे भविष्य में सावधानी बरतें और पटाखों को सुरक्षित तरीके से जलाएं। इसके अलावा, अग्निशामक विभाग ने इलाके में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।