क्या एनडीए का मेनिफेस्टो सबसे कमजोर और छोटा है? अशोक गहलोत का तंज
 
                                सारांश
Key Takeaways
- अशोक गहलोत ने एनडीए के मेनिफेस्टो पर कड़ी आलोचना की।
- मेनिफेस्टो का लॉन्च केवल 26 सेकंड में हुआ।
- गहलोत ने इसे झूठ का पुलिंदा बताया।
- उन्होंने कहा कि बिहार में बार-बार वादाखिलाफी हुई है।
- महागठबंधन चुनाव जीतने पर वादों को पूरा करने का वादा किया।
पटना, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में एनडीए के 'संकल्प पत्र 2025' पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हमला बोला। उन्होंने इस मेनिफेस्टो को अब तक का 'सबसे छोटा' और 'सबसे कमजोर' बताया। गहलोत के अनुसार, सीएम नीतीश कुमार और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस बात का डर था कि मीडिया उनसे सवाल पूछेगी, इसलिए वे सिर्फ 26 सेकंड में मेनिफेस्टो जारी कर मंच छोड़कर चले गए।
गहलोत ने कहा कि एनडीए का मेनिफेस्टो जारी हुआ, नेता मंच पर आए और कुछ ही सेकंड में चले गए। उन्होंने बताया कि मीडिया के कई साथियों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार 26 सेकंड की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी। अगर नीतीश कुमार और जेपी नड्डा रुक जाते, तो पत्रकार उनसे पहले के वादों का हिसाब मांग लेते, इसलिए उन्होंने भागना ही बेहतर समझा।
गहलोत ने तंज करते हुए कहा कि पीएम मोदी तो वैसे भी मीडिया से संवाद नहीं करते हैं।
गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में चुनावी घोषणापत्र जनता के प्रति जवाबदेही का दस्तावेज होना चाहिए, लेकिन एनडीए का यह मेनिफेस्टो केवल 'झूठ का पुलिंदा' है। 20 वर्षों के कार्य का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखना चाहिए था, लेकिन उन्होंने फिर से सिर्फ खोखले वादे किए। बिहार के साथ बार-बार वादाखिलाफी की गई है।
गहलोत ने सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि 50 हजार करोड़ के निवेश की बात करना केवल एक कल्पना है। क्या कोई एमओयू साइन हुआ है? यह आंकड़ा केवल जनता को भ्रमित करने के लिए हवा में उछाला गया है। उन्होंने कहा कि एनडीए का पूरा अभियान झूठ और दिखावे पर आधारित है।
गहलोत ने सवाल उठाया कि जब चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है, तो आखिर मेनिफेस्टो जारी करने की जिम्मेदारी उन्हें क्यों नहीं दी गई? क्या वह अब ऐसी स्थिति में नहीं हैं कि जनता के सामने आकर घोषणापत्र पढ़ सकें?
महागठबंधन के वादों पर गहलोत ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव जीतने के बाद मेनिफेस्टो को सबसे पहले कैबिनेट में मंजूरी दिलाएगी। उन्होंने कहा कि हम जो वादे जनता से करते हैं, उन्हें निभाएंगे और यही हमारी राजनीति की पहचान है।
बिहार में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर गहलोत ने उन्हें नमन किया।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            