क्या वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर मंत्री असीम अरुण ने किया महत्वपूर्ण बयान?

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क्या वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर मंत्री असीम अरुण ने किया महत्वपूर्ण बयान?

सारांश

कन्नौज में मंत्री असीम अरुण ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने इसे केवल एक गीत नहीं, बल्कि आजादी और स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बताया। उनके विचारों में भारत की राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता संग्राम की गहराई है।

Key Takeaways

  • वंदे मातरम का 150वां वर्षगांठ मनाया गया।
  • यह आज़ादी और स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक है।
  • चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता पर ध्यान केंद्रित किया।
  • भाजपा सांसद ने इस नारे की एकता के महत्व को बताया।
  • स्वतंत्रता संग्राम के लिए संघर्ष करने वाले सभी ने इसे अपनाया।

कन्नौज, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर अपनी खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गौरवमयी क्षण है, क्योंकि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, इसमें आजादी और स्वतंत्रता आंदोलन का ध्येय समाहित है।

असीम अरुण ने आगे कहा कि मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री ने हमें इसकी 150वीं वर्षगांठ मनाने और इसके इतिहास को जानने का अवसर प्रदान किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सुंदर अभियान प्रारंभ किया है। इस अभियान के अंतर्गत आज हम सब ने वंदे मातरम का गायन किया और इसके महत्व को भी समझा।

उन्होंने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह हमारे सभी क्रांतिकारियों के जीवन को आगे बढ़ाने वाला गीत बना।

असीम अरुण ने एसआईआर पर कहा कि चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और 11 अन्य राज्यों में गहन विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है और हम इस पहल का स्वागत करते हैं। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है।

उन्होंने कहा कि पिछले 10-15 वर्षों में चुनाव आयोग और पुलिस ने चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिसके फलस्वरूप बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण चुनाव संभव हो सके हैं।

उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट की शुद्धता सदैव से सवालों में रही है। इस बीच, चुनाव आयोग ने इसे शुद्ध करने का बीड़ा उठाया है। यह एक स्वागतयोग्य कदम है। इसमें हमारी पार्टी पूरी सक्रियता से जुटी है। हम अपने साथियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन वोट जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया उन्हें बताई जा रही है ताकि हमारी मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध हो सके।

वहीं, वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि वंदे मातरम का नारा हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण प्रेरणाओं में से एक था। स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले सभी महान नेता, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य इस नारे के तहत एकजुट हुए थे। उन्होंने वंदे मातरम को एक एकजुटता के आह्वान के रूप में अपनाया और इसके बैनर तले मिलकर स्वतंत्रता संग्राम लड़ा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह हमारे इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है। इसे समझना और सम्मान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। यह एकता और स्वतंत्रता का संकेत है, जो हमें अपने क्रांतिकारियों की याद दिलाता है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

वंदे मातरम का महत्व क्या है?
वंदे मातरम का महत्व आज़ादी के संघर्ष में गहरा है, यह एकता और स्वतंत्रता का प्रतीक है।
कौन से नेता वंदे मातरम के नारे के तहत एकजुट हुए थे?
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य सभी ने वंदे मातरम के नारे के तहत एकजुट होकर स्वतंत्रता संग्राम लड़ा।
असीम अरुण ने क्या कहा?
असीम अरुण ने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम का ध्येय है।