क्या असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अवैध घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे?

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क्या असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अवैध घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे?

सारांश

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ अपनी दृढ़ नीति को फिर से स्पष्ट किया है। उन्होंने असम में अवैध निवासियों के प्रति शून्य सहनशीलता का संकेत दिया है, जो स्थानीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए जानते हैं इस मामले में मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण क्या है।

Key Takeaways

  • अवैध प्रवासियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति।
  • सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम।
  • स्थानीय निवासियों की सुरक्षा प्राथमिकता।
  • सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर ध्यान।
  • सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयास।

गुवाहाटी, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ अपनी सख्त नीति को एक बार फिर दोहराया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट के जरिए स्पष्ट किया है कि असम में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के लिए कोई सहनशीलता नहीं दिखाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर लिखा, "जो एक बार गलती करे, वो नादान होता है। जो दोबारा करे, वो अंजान होता है। लेकिन जो बार-बार गलती करता है, वह शैतान घुसपैठिया कहलाने लायक होता है।" यह संदेश उन लोगों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है जो बार-बार असम में घुसपैठ कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हाल ही में पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 20 ऐसे आदतन अपराधियों को पकड़ा और उन्हें उनके मूल स्थान बांग्लादेश भेज दिया गया। ये लोग बार-बार अवैध तरीके से असम में प्रवेश कर रहे थे और स्थानीय सुरक्षा के लिए एक खतरा बने हुए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारा अवैध प्रवासियों के प्रति सहनशीलता स्तर शून्य है और इसे बनाए रखा जाएगा।"

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाती रहेगी ताकि असम की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और असम के नागरिकों की सुरक्षा बनी रहे।

पिछले कुछ वर्षों में असम में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कई अभियान चलाए गए हैं, जिनमें कई अवैध घुसपैठिए पकड़े और वापस भेजे गए हैं।

असम में अवैध प्रवासन लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे रहे हैं। राज्य सरकार लगातार सीमा सुरक्षा बढ़ा रही है और इस तरह के अभियानों के जरिए सीमा क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का यह स्पष्ट संदेश है कि असम में शांति और सुरक्षा ही प्राथमिकता है, और अवैध घुसपैठ के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति में कोई नरमी नहीं आएगी।

Point of View

जो कि वर्तमान समय में आवश्यक है। यह कदम न केवल असम की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि समाज में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भी मदद करेगा।
NationPress
18/09/2025

Frequently Asked Questions

असम में अवैध घुसपैठियों की समस्या क्यों है?
असम में अवैध घुसपैठियों की समस्या ऐतिहासिक और सामाजिक कारणों से है, जिसमें बांग्लादेश से आने वाले प्रवासी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति का क्या मतलब है?
जीरो टॉलरेंस नीति का मतलब है कि अवैध प्रवासियों के प्रति कोई सहानुभूति या समझौता नहीं किया जाएगा।
सरकार अवैध घुसपैठियों के खिलाफ क्या कदम उठा रही है?
सरकार ने सीमा सुरक्षा बल और पुलिस के माध्यम से कई अभियान चलाए हैं, जिनमें अवैध प्रवासियों को पकड़ा गया है।