क्या अटल क्लिनिकों का नाम बदलना हेमंत सरकार की निम्नस्तरीय राजनीति है?

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क्या अटल क्लिनिकों का नाम बदलना हेमंत सरकार की निम्नस्तरीय राजनीति है?

सारांश

झारखंड में अटल मोहल्ला क्लिनिकों के नाम बदलने के निर्णय पर बाबूलाल मरांडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि यह कदम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति कृतघ्नता है और सरकार की नैतिकता को दर्शाता है। जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • अटल मोहल्ला क्लिनिकों का नाम बदलना विवाद का विषय बन गया है।
  • बाबूलाल मरांडी ने इसे सरकार की निम्नस्तरीय राजनीति बताया है।
  • स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी सुधार की आवश्यकता है।
  • मदर टेरेसा को सम्मान देने का सही तरीका नई योजनाएँ शुरू करना हो सकता है।
  • अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान अद्वितीय है।

रांची, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में अटल मोहल्ला क्लिनिकों का नाम बदलकर मदर टेरेसा के नाम पर करने के राज्य सरकार के निर्णय पर नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसी महान विभूति के प्रति कृतघ्नता के साथ-साथ राज्य सरकार के नैतिक पतन का भी परिचायक है।

मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रश्न किया कि क्या कैबिनेट के इस निर्णय से स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई वास्तविक सुधार होगा? क्या एंबुलेंस अब समय पर पहुँचेंगी? क्या मोहल्ला क्लिनिकों में बेहतर इलाज की सुविधाएँ मिलेंगी? उन्होंने कहा कि नाम बदलने से अधिक आवश्यक है राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी सुधार करना, जो वर्तमान में पूरी तरह से चरमराई हुई है। आज भी गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस न मिलने पर रास्ते में ही प्रसव करना पड़ता है। वृद्ध महिलाओं को खाट पर अस्पताल ले जाना पड़ता है और शवों के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। इन बुनियादी समस्याओं को सुलझाने के बजाय, सरकार केवल नाम बदलने की राजनीति कर रही है।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में मदर टेरेसा को सम्मान देना चाहती थी, तो उनके नाम पर कोई नई योजना शुरू कर सकती थी जो मरीजों की सहायता और सेवा कर सके, जो स्वयं मदर टेरेसा के जीवन का उद्देश्य था। लेकिन ऐसा करने के बजाय, हेमंत सरकार ने यहाँ भी राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया है।

मरांडी ने कहा कि झारखंड के निर्माण में अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान किसी परिचय का मोहताज नहीं है। १९९९ में अटल जी ने झारखंड की धरती से जनता से वादा किया था कि यदि केंद्र में उनकी सरकार बनी, तो झारखंड के लोगों को अलग राज्य का उपहार देंगे, और उन्होंने अपना यह वादा निभाया। झारखंडवासियों को उनका अधिकार दिलाने और आदिवासी अस्मिता को अलग पहचान देने में अटल जी के अटल इरादों की निर्णायक भूमिका रही।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने राजनीति के निम्न स्तर तक गिरकर अटल जी के योगदान को नजरअंदाज कर दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड और आदिवासी अस्मिता को पहचान दिलाने वाले अटल जी का नाम हटाना राज्य की जनता का अपमान है, जिसे भाजपा और झारखंडवासी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीति में ऐसे निर्णय कभी-कभी जनहित के बजाय व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ के लिए लिए जाते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान अद्वितीय है, और उनका नाम बदलना न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह झारखंड की जनता के प्रति एक गंभीर नकारात्मक संकेत भी है।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

क्यों अटल मोहल्ला क्लिनिकों का नाम बदलने का निर्णय लिया गया?
राज्य सरकार ने नाम बदलने का निर्णय किया है ताकि मदर टेरेसा को सम्मानित किया जा सके।
बाबूलाल मरांडी का इस पर क्या कहना है?
उन्होंने इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति कृतघ्नता बताया।
क्या नाम बदलने से स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होगा?
मरांडी का कहना है कि यह केवल नाम परिवर्तन है, वास्तविक सुधार की आवश्यकता है।