क्या अयोध्या का वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी में बड़ा योगदान होगा?
सारांश
Key Takeaways
- अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह से पर्यटन में वृद्धि होगी।
- 2025 तक 50 करोड़ पर्यटकों के आने की संभावना।
- अयोध्या का पर्यटन 4 लाख करोड़ का कारोबार तक पहुँच सकता है।
- सीएम योगी की योजनाएँ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं।
- अयोध्या अब धार्मिक केंद्र के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों का भी केंद्र बन रहा है।
लखनऊ, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह से रामनगरी का गौरव विश्व में अपने विशाल स्वरूप में चमकने लगेगा। श्रीराम मंदिर की ध्वजा पर भगवान सूर्यदेव विराजमान हैं। सूर्यवंशी प्रभु श्रीराम की नगरी में ध्वजारोहण समारोह के बाद पर्यटन में तेजी के संकेत मिल रहे हैं। आध्यात्मिकता, प्राचीनता और दैवीय गुणों को समेटे हुए इस ध्वज की छटा देखने के लिए विश्व से बड़ी संख्या में पर्यटक अयोध्या पहुंचेंगे। इससे अयोध्या के पर्यटन में पहले से कहीं अधिक उछाल आने की आशा है।
अयोध्या में जनवरी से जून 2025 के बीच लगभग 23 करोड़ पर्यटक आने का अनुमान है। दिसंबर 2025 तक लगभग 50 करोड़ पर्यटकों के शहर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। पर्यटकों की संख्या में वृद्धि से आने वाले वर्षों में अयोध्या का पर्यटन 4 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2029 तक उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की एक व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं। अयोध्या का पर्यटन इस मिशन को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान में अयोध्या उत्तर प्रदेश के जीएसडीपी में 1.5 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। पर्यटकों की संख्या में वृद्धि से अयोध्या की हिस्सेदारी और बढ़ जाएगी।
श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। राम मंदिर और उससे जुड़े निर्माण कार्य में अब तक लगभग 2150 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। यहाँ के होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें, टूर और ट्रैवल्स, पूजा सामग्री और प्रसाद के कारोबार में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। अयोध्या में बढ़ते पर्यटकों की संख्या को देखते हुए 76 से अधिक होटल खुल चुके हैं। निजी क्षेत्र की होटल कंपनियां जैसे आईएचसीएल, मैरियट, रैडीशन, कामट, और लेमन ट्री भारी निवेश कर रही हैं। देश और दुनिया से आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
2028 तक उत्तर प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र 70,000 करोड़ का उद्योग बन जाएगा। इसमें अयोध्या का योगदान लगभग 25 प्रतिशत होगा। यदि इसी तरह की वृद्धि पर्यटन क्षेत्र में आगे देखने को मिलती है तो 4 लाख करोड़ राजस्व का लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद तीर्थयात्रा से जुड़ी उद्योगों का वार्षिक कारोबार लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में केवल आर्थिक विकास ही नहीं हुआ, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिली है। उत्तर प्रदेश में मंदिर और उससे जुड़ी गतिविधियों ने लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है।
अयोध्या अब केवल धार्मिक केंद्र नहीं रहकर आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। रामनगरी की पर्यटन वृद्धि केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के एक बहुआयामी आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की कहानी है। इस विकास ने अयोध्या को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले से ही सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में हो रहे दीपोत्सव ने साल दर साल नया कीर्तिमान स्थापित किया और देश-विदेश के श्रद्धालुओं को अयोध्या की ओर आकर्षित किया है। अब अयोध्या में होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे न केवल स्थानीय व्यापारियों के रोजगार में वृद्धि होगी, बल्कि लघु उद्यमियों और हस्तशिल्पियों के व्यापार को भी गति मिलेगी।