क्या आजाद हिन्द फौज की स्थापना दिवस 21 अक्टूबर को नेताजी के नेतृत्व में हुई थी?

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क्या आजाद हिन्द फौज की स्थापना दिवस 21 अक्टूबर को नेताजी के नेतृत्व में हुई थी?

सारांश

आजाद हिन्द फौज का स्थापना दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में इस फौज ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ युद्ध किया। इस लेख में आजाद हिन्द फौज और इसकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Key Takeaways

  • आजाद हिन्द फौज की स्थापना 21 अक्टूबर, 1943 को हुई थी।
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इस संगठन का गठन किया।
  • इसका उद्देश्य भारत को स्वतंत्रता दिलाना था।
  • आजाद हिन्द फौज ने ब्रिटिश सेना को कड़ी चुनौती दी।
  • इसने भारतीयों में स्वतंत्रता की भावना जागृत की।

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आजाद हिन्द फौज की स्थापना 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में हुई थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अस्थायी भारत सरकार 'आजाद हिन्द सरकार' की स्थापना की और 'आजाद हिन्द फौज' का गठन किया था। इस संगठन का प्रमुख उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करना था, और इसके लिए नेताजी ने जापान के सहयोग से एक सशक्त सेना का निर्माण किया।

आजाद हिन्द फौज के पहले डिवीजन का गठन 1 दिसंबर, 1942 को मोहन सिंह के अधीन हुआ था। इसमें लगभग 16,300 सैनिक थे। बाद में जापान ने 60,000 युद्ध बंदियों को आजाद हिन्द फौज में शामिल होने की अनुमति दी। हालांकि, मोहन सिंह और जापानी सरकार के बीच भूमिका को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया, जिसके परिणामस्वरूप मोहन सिंह और निरंजन सिंह गिल को गिरफ्तार कर लिया गया।

4 जुलाई, 1943, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिन्द फौज की कमान संभाली और 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' नारे का उद्घोष किया। नेताजी के नेतृत्व में आजाद हिन्द फौज ने रंगून से दिल्ली तक का सफर तय किया और कई महत्वपूर्ण जगहों पर विजय हासिल की।

आजाद हिन्द फौज ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसने ब्रिटिश सेना को कड़ी टक्कर दी और भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले लोगों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। आजाद हिंद फौज के सैनिकों ने अपनी वीरता और बलिदान के लिए कई पुरस्कार प्राप्त किए, जिनमें शेरे-हिन्द, सरदारे-जंग, वीरे-हिन्द और शहीदे-भारत शामिल थे।

आजाद हिंद फौज ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने दिखाया कि भारतीय लोग अपने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं और वे इसके लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर सकते हैं।

तब से लेकर आज तक हर साल आजाद हिंद फौज की स्थापना दिवस को देशभर में याद किया जाता है। इस दिन हम अपने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले वीर सपूतों को याद करते हैं और उनके बलिदानों को नमन करते हैं।

Point of View

बल्कि यह देश की स्वतंत्रता के लिए भारतीयों के संघर्ष की प्रतीक है। इसने हमें यह सिखाया कि जब एकजुट होकर लड़ा जाता है, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। यह दिन हमें उन वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने बलिदान से हमें आज़ादी दिलाई।
NationPress
20/10/2025

Frequently Asked Questions

आजाद हिन्द फौज की स्थापना कब हुई?
आजाद हिन्द फौज की स्थापना 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में हुई थी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का क्या योगदान था?
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिन्द फौज की कमान संभाली और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई का नेतृत्व किया।
आजाद हिन्द फौज के कितने सैनिक थे?
आजाद हिन्द फौज में पहले डिवीजन में लगभग 16,300 सैनिक थे।