क्या आजम खान को डूंगरपुर कांड में कोर्ट से मिली राहत?

Click to start listening
क्या आजम खान को डूंगरपुर कांड में कोर्ट से मिली राहत?

सारांश

बुधवार को आजम खान को डूंगरपुर कांड में हाईकोर्ट से जमानत मिली, लेकिन रिहाई पर अभी भी संशय है। जानिए इससे जुड़े सभी पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • आजम खान को डूंगरपुर कांड में जमानत मिली है।
  • रामपुर की एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने उन्हें दस साल की सजा सुनाई थी।
  • उच्च न्यायालय ने अपील पर निर्णय सुरक्षित रखा था।
  • बरकत अली की जमानत भी मंजूर की गई है।
  • कई अन्य मामलों में सजा की संभावना बनी हुई है।

प्रयाग, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता आजम खान को बुधवार को एक महत्वपूर्ण राहत मिली है। डूंगरपुर कांड में उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी। पहले रामपुर की एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने आजम खान को दस साल की सजा सुनाई थी।

न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने आजम खान द्वारा निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देते हुए दायर की गई अपील और जमानत याचिका पर यह आदेश दिया। सुनवाई के बाद, 9 अगस्त को निर्णय सुरक्षित रख लिया गया था। हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद आजम खान के जेल से रिहाई पर अभी भी संशय बना हुआ है, क्योंकि उनके खिलाफ कई अन्य मामलों में भी सजा सुनाई जा चुकी है।

सपा नेता ने इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 12 अगस्त को निर्णय सुरक्षित कर लिया था। रामपुर के चर्चित डूंगरपुर केस से जुड़े मामले में आजम खान ने रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट से मिली दस साल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में क्रिमिनल अपील दाखिल की है।

इस मामले में ठेकेदार बरकत अली ने भी सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर की है। दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील के लंबित रहने तक जमानत देने की कोर्ट से मांग की थी। ठेकेदार बरकत अली की जमानत अर्जी भी हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है।

ज्ञात हो कि डूंगरपुर कांड से जुड़े मामले में अगस्त 2019 में रामपुर के थाना गंज में अबरार नामक व्यक्ति ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन ख़ान और ठेकेदार बरकत अली उर्फ़ फ़क़ीर मोहम्मद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता अबरार ने आरोप लगाया था कि दिसंबर 2016 में आजम खान, रिटायर सीओ आले हसन और ठेकेदार बरकत अली ने उनके साथ मारपीट की थी।

इसके अलावा घर में तोड़फोड़ की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई। साथ ही, उनके मकान को जमींदोज कर दिया गया था। लगभग तीन साल बाद, 2019 में अबरार ने इस संबंध में थाना गंज में रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले की सुनवाई के बाद एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने आजम खान को दस साल और बरकत अली को सात साल की सजा सुनाई थी।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि आजम खान की जमानत का क्या असर राजनीतिक परिदृश्य पर पड़ेगा। न्यायपालिका की स्वतंत्रता और राजनीतिक दबाव का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

आजम खान को जमानत क्यों मिली?
उच्च न्यायालय ने उनकी अपील पर सुनवाई के बाद जमानत दी, जबकि निचली अदालत ने उन्हें सजा सुनाई थी।
डूंगरपुर कांड क्या है?
यह मामला 2016 में हुई एक मारपीट से जुड़ा है, जिसमें आजम खान पर गंभीर आरोप लगे थे।
क्या आजम खान की जेल से रिहाई सुनिश्चित है?
जमानत मिलने के बावजूद, उनके खिलाफ अन्य मामलों की वजह से रिहाई पर संशय है।
बरकत अली का क्या हुआ?
बरकत अली की जमानत अर्जी भी हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है।
इस मामले में आगे क्या हो सकता है?
अब अदालत में अपील लंबित है, जिससे भविष्य में निर्णय प्रभावित हो सकता है।