क्या आप बालों के झड़ने की समस्या से परेशान हैं? ये आयुर्वेदिक उपाय आएंगे काम!

सारांश
Key Takeaways
- भृंगराज तेल का उपयोग करें।
- आंवला और मेथी का सेवन करें।
- योगप्राणायाम करें।
- पौष्टिक आहार लें।
- गीले बालों में कंघी न करें।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बालों का झड़ना आजकल एक सामान्य समस्या बन गई है, लेकिन यह शरीर के आंतरिक संतुलन में गड़बड़ी का संकेत भी हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, बाल हमारे शरीर की आंतरिक अग्नि और पोषण का प्रतीक होते हैं। जब पित्त दोष बढ़ता है, तो बालों का गिरना शुरू हो जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, प्रतिदिन 50 से 100 बालों का गिरना सामान्य माना जाता है, लेकिन यदि यह संख्या इससे अधिक हो, तो यह चिंता का विषय है।
बाल झड़ने के कई कारण होते हैं, जैसे तनाव, नींद की कमी, हार्मोन का असंतुलन (जैसे थायरॉयड, पीसीओडी), खराब खानपान, केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट्स का अत्यधिक उपयोग, या फिर वंशानुगत कारण। इसके अलावा, प्रदूषण, धूल और धूप भी बालों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। जब हम पौष्टिक आहार नहीं लेते, तो बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं।
बालों के झड़ने की समस्या से निपटने के लिए कई उपाय मौजूद हैं। सबसे पहले है भृंगराज तेल, जिसे आयुर्वेद में केशराज कहा जाता है। इसकी हल्की मालिश प्रतिदिन करें।
आंवला, मेथी, एलोवेरा, करी पत्ता, प्याज का रस, और नीम जैसे घरेलू नुस्खे बालों की जड़ों को मजबूती और पोषण देते हैं। विशेष रूप से आंवला और मेथी बालों को अंदर से मजबूत बनाते हैं, जबकि एलोवेरा और नींबू स्कैल्प को साफ रखते हैं। नारियल तेल में करी पत्ता उबालकर लगाने से बालों का रंग और मजबूती दोनों बढ़ते हैं।
इसके अलावा, प्राणायाम और योग से खोपड़ी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे बालों को आवश्यक ऑक्सीजन मिलती है। अनुलोम-विलोम, कपालभाति, और शिरासन विशेष रूप से लाभकारी हैं।
खानपान का भी बहुत बड़ा योगदान है। बालों के लिए तिल, दूध, छाछ, मूंग-दाल, हरी सब्जियां, और सूखे मेवे अनिवार्य हैं। बायोटिन, जिंक, और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें और पर्याप्त पानी पिएं। ध्यान रखें कि गीले बालों में कंघी न करें, अधिक गर्म पानी से सिर न धोएं, और बार-बार कलर न कराएं।