क्या पीएम मोदी और गृह मंत्री के दृढ़ संकल्पों से नक्सलमुक्त भारत का सपना पूरा हो रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की नीतियों से नक्सलवाद में कमी आ रही है।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भागीदारी बढ़ी है।
- नक्सलियों को हथियार डालने की अपील की जा रही है।
- भविष्य में नक्सलमुक्त भारत का सपना साकार हो सकता है।
रांची/नई दिल्ली, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ता के कारण, सरकार ने नक्सलमुक्त भारत का लक्ष्य लगभग हासिल कर लिया है।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'भारत मंथन-2025: नक्सल मुक्त भारत' राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होते हुए, मरांडी ने कहा कि 25-30 वर्ष पहले बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में नक्सलियों की समानांतर सरकार चलती थी। उस समय यह विश्वास करना कठिन था कि इस समस्या का समाधान हो सकता है, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे संभव बना दिया है।
झारखंड में नक्सलवाद के अतीत को याद करते हुए, बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 1999-2000 में चुनाव के समय नक्सलियों ने उनके परिवार को धमकाया था। उस समय लोगों में इतना डर था कि वे वोट डालने भी नहीं जाते थे। उग्रवादी उन्हें वोट डालने पर हाथ काटने की धमकी देते थे। 2000 के विधानसभा चुनाव में मैंने पहला वोट डाला और लोगों को समझाया कि वे भी बूथ पर आएं। नक्सलियों ने किसानों और व्यापारियों से लेवी वसूली की थी, और लोग उन्हें ही सरकार मानने लगे थे।
उन्होंने एक दुखद घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में उग्रवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें 19 लोगों की मृत्यु हो गई।
भाजपा नेता ने कहा कि जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी, तो उन्होंने इस समस्या को एक चुनौती के रूप में लिया। लोगों को विश्वास दिलाया गया और नक्सलियों से हथियार डालने की अपील की गई। जो इस अपील को नकारते हैं, उनका अंत निश्चित है।
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार अभियान और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में लोगों की भागीदारी बढ़ने से नक्सलवाद अब अपने अंतिम क्षण गिन रहा है।