क्या 'चक्रासन' से 'वृक्षासन' तक, बच्चों की लंबाई के लिए 5 योगासन मदद कर सकते हैं?

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क्या 'चक्रासन' से 'वृक्षासन' तक, बच्चों की लंबाई के लिए 5 योगासन मदद कर सकते हैं?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि योगासन बच्चों की लंबाई बढ़ाने में मदद कर सकते हैं? इस लेख में हम 'चक्रासन', 'ताड़ासन', 'पश्चिमोत्तासन', 'धनुरासन', और 'वृक्षासन' के लाभों पर चर्चा करेंगे। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, ये आसन बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Key Takeaways

  • योगासन बच्चों के शारीरिक विकास में मदद करते हैं।
  • चक्रासन और वृक्षासन लंबाई बढ़ाने में सहायक हैं।
  • योग बच्चों को मानसिक तनाव से राहत देता है।
  • सही तकनीक और समय का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
  • योग विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आजकल माता-पिता अपने बच्चों के सही शारीरिक विकास को लेकर चिंतित रहते हैं। हाइट को लेकर चिंता कुछ ज्यादा ही होती है। हालांकि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। ये कारण आनुवंशिक हो सकते हैं या फिर पोषण की कमी भी हो सकती है। योग एक प्रभावी और प्राकृतिक तरीका है जो बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास में मदद कर सकता है। योगासन न केवल शरीर को लचीला बनाते हैं बल्कि मानसिक तौर पर भी उन्हें मजबूत बनाते हैं।

'चक्रासन' का अर्थ है पहिया और 'आसन' का अर्थ है मुद्रा। इस आसन में शरीर को पीछे की ओर मोड़कर पहिए जैसा आकार दिया जाता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को अत्यधिक लचीला बनाता है और कमर दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। साथ ही यह पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है और मजबूती देता है, जिससे लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है।

'ताड़ासन' को 'पाम ट्री पोज' या 'माउंटेन पोज' भी कहते हैं। आयुष मंत्रालय की सलाह है कि बच्चों को नियमित रूप से ताड़ासन करना चाहिए क्योंकि यह बच्चों की एकाग्रता, फोकस और शारीरिक संतुलन में सुधार करता है।

'पश्चिमोत्तासन' को 'सीटेड फॉरवर्ड बेंड' भी कहा जाता है। यह एक ऐसा योगासन है जिसमें शरीर को आगे की ओर झुकाकर रीढ़, हैमस्ट्रिंग और काल्व्स की मांसपेशियों को खींचा जाता है। यह आसन शरीर को लचीला बनाने के साथ-साथ तनाव दूर कर मानसिक शांति भी देता है। आजकल के कॉम्पटीटिव वर्ल्ड में जब बच्चे होमवर्क और कुछ विशेष करने के चक्कर में दबाव महसूस करते हैं तो ये आसन उनकी समस्याओं को हर सकता है। आयुष मंत्रालय की मानें तो ये बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इस आसन से बच्चों को एकाग्रता लाने में मदद मिलती है और तनाव कम होता है।

'धनुरासन' में शरीर की मुद्रा धनुष के जैसी होती है, जिसमें रीढ़ की हड्डी पर गहरा खिंचाव पड़ता है। यह खिंचाव रीढ़ की हड्डी को लंबा और लचीला बनाने में मदद करता है। बढ़ते बच्चों की रीढ़ के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि लचीली रीढ़ उन्हें अधिक सीधी और लंबी मुद्रा बनाए रखने में सहायता करती है।

वृक्षासन, जिसे ट्री पोज भी कहा जाता है, योग के सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय आसनों में से एक है। वृक्ष शब्द का अर्थ है पेड़। इस आसन के अभ्यास की अंतिम अवस्था में शारीरिक स्थिति एक पेड़ के आकार की बनती है। इसलिए इस आसन को वृक्षासन का नाम दिया गया है। यह आसन पैरों को मजबूती प्रदान करने और संतुलन बनाने में सहायक होता है। इसके नियमित अभ्यास से टखनों, जांघों, पिंडलियों और रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। साथ ही कूल्हों और कमर में लचीलापन बढ़ता है। इन सभी आसनों को करने से पहले योग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करना चाहिए। करने का सही तरीका और समय की सटीक जानकारी से ही लाभ पहुंच सकता है।

Point of View

हमें समझना चाहिए कि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहद महत्वपूर्ण है। आज के तेजी से बदलते समय में, योगासन बच्चों को न केवल स्वस्थ रखते हैं, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाते हैं। यह न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि राष्ट्र के लिए भी आवश्यक है कि हम अपनी अगली पीढ़ी को स्वस्थ और मजबूत बनाएं।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या योगासन बच्चों की लंबाई बढ़ाने में मदद करते हैं?
जी हां, योगासन बच्चों की लंबाई बढ़ाने में मदद करते हैं, जैसे चक्रासन और वृक्षासन।
कितनी बार बच्चों को योगासन करना चाहिए?
बच्चों को रोजाना योगासन करने की सलाह दी जाती है, खासकर सुबह के समय।
क्या सभी बच्चे योगासन कर सकते हैं?
जी हां, लेकिन बच्चों को योग करने से पहले एक योग्य प्रशिक्षक से परामर्श करना चाहिए।