क्या बद्रीनाथ बस हादसे में लापता लोगों की खोज सफल होगी?

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क्या बद्रीनाथ बस हादसे में लापता लोगों की खोज सफल होगी?

सारांश

रुद्रप्रयाग में बद्रीनाथ यात्रा के दौरान हुए बस हादसे में तीन शव बरामद, नौ लोग लापता हैं। राहत कार्य जारी है, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें बचाव में जुटी हैं। क्या लापता लोगों को जल्द ढूंढा जा सकेगा?

Key Takeaways

  • रुद्रप्रयाग में बस हादसे में तीन शव बरामद हुए हैं।
  • नौ लोग अब भी लापता हैं।
  • बचाव कार्य में एनडीआरएफ और स्थानीय टीमें शामिल हैं।
  • हादसे का कारण चालक की लापरवाही हो सकता है।
  • मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त किया है।

रुद्रप्रयाग, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार सुबह हुए बस हादसे के बाद बचाव कार्य अभी भी जारी है। इस दुर्घटना में अब तक तीन लोगों के शव बरामद हो चुके हैं, जबकि नौ लोग अब भी लापता हैं।

यह दुर्घटना जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर घोलतीर के पास हुई, जहां एक 31 सीटर बस अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में गिर गई। बस में 20 यात्री सवार थे, जो बद्रीनाथ की यात्रा पर जा रहे थे।

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि आज सुबह जैसे ही हादसे की सूचना कंट्रोल रूम को मिली, जिला प्रशासन ने तुरंत एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जल पुलिस और स्थानीय लोगों की टीमें मौके पर भेजीं और राहत कार्य शुरू किया। प्रशासन की तत्परता का ही परिणाम है कि कई जिंदगियों को समय पर बचाया जा सका। राहत एवं बचाव कार्य में किसी भी तरह की कोताही न हो, इसके लिए मौके पर वरिष्ठ अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, अब तक तीन शव बरामद किए जा चुके हैं और शेष नौ लापता व्यक्तियों की खोज जारी है। प्रशासन का प्रयास है कि सभी लापता लोगों को जल्द से जल्द खोजा जा सके।

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण चालक की लापरवाही और संभावित तकनीकी खराबी को माना जा रहा है। इस मामले में रुद्रप्रयाग कोतवाली में भारतीय न्याय संहिता की धारा 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), धारा 106 (लापरवाही से किसी की मौत का कारण बनना) और धारा 281 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

प्रशासन ने यात्रियों से सुरक्षित यात्रा करने और सतर्क रहने की अपील की है। राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी संभव संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि लापता लोगों का सुरक्षित पता लगाया जा सके।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "जनपद रुद्रप्रयाग में एक टेंपो ट्रैवलर के नदी में गिरने का समाचार अत्यंत दुखद है। एसडीआरएफ सहित अन्य बचाव दलों द्वारा युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन से संपर्क में हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।"

Point of View

लेकिन यह भी जरूरी है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

बद्रीनाथ बस हादसा कब हुआ?
यह हादसा 26 जून को सुबह हुआ।
इस हादसे में कितने लोग लापता हैं?
इस हादसे में अभी नौ लोग लापता हैं।
बचाव कार्य में कौन-कौन सी टीमें शामिल हैं?
बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और स्थानीय लोग शामिल हैं।
हादसे का कारण क्या बताया जा रहा है?
प्रारंभिक जांच में चालक की लापरवाही और तकनीकी खराबी को कारण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त किया और बचाव कार्य की जानकारी साझा की।
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