क्या बाल दिवस पर एनसीआरटीसी की अनोखी पहल बच्चों को यादगार अनुभव दे गई?

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क्या बाल दिवस पर एनसीआरटीसी की अनोखी पहल बच्चों को यादगार अनुभव दे गई?

सारांश

बाल दिवस पर एनसीआरटीसी ने बच्चों को नमो भारत परिवहन प्रणाली का संचालन सौंपकर एक अद्वितीय अनुभव दिया। बच्चों ने विभिन्न भूमिकाओं में भाग लिया और वास्तविक यात्रियों के साथ जुड़कर अपने जिम्मेदारियों को निभाया।

Key Takeaways

  • बच्चों ने नमो भारत परिवहन प्रणाली का संचालन किया।
  • यात्रियों के साथ संवाद किया और टिकट वितरित किए।
  • दिव्यांग छात्रों को भी यात्रा का अनुभव मिला।
  • एनसीआरटीसी ने सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा दिया।
  • यह पहल बच्चों के लिए यादगार पल बनी।

गाजियाबाद, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बाल दिवस के मौके पर एनसीआरटीसी ने एक विशेष आयोजन के तहत बच्चों को एक ऐसा अनुभव दिया, जिसे वे जीवनभर नहीं भूलेंगे। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को नमो भारत परिवहन प्रणाली के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसमें उन्होंने उत्साह और ऊर्जा के साथ विभिन्न भूमिकाएं निभाईं।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों को तकनीकी, प्रबंधन और सार्वजनिक सेवा से अवगत कराना था, इसके साथ ही उन्हें भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट प्रणाली के संचालन से भी परिचित कराना था। एनसीआरटीसी के प्रशिक्षित स्टाफ और अधिकारियों के मार्गदर्शन में बच्चों ने स्टेशन कंट्रोलर, टिकट वितरक, सिक्योरिटी इंचार्ज, एनाउंसर-कम-ट्रेन अटेंडेंट और स्टेशन मेंटिनेंस टीम जैसे विभिन्न कार्यों को समझा और उन्हें स्वयं भी निभाया। बच्चों के लिए यह अनुभव किसी रोमांचक खेल से कम नहीं था, क्योंकि वे असली यात्रियों से बातचीत कर रहे थे, टिकट वितरित कर रहे थे और स्टेशन संचालन देख रहे थे।

नमो भारत स्टेशन पर बच्चों की आवाज में की गई अनाउंसमेंट ने यात्रियों को रोमांचित कर दिया। टिकट काउंटर पर छोटे बच्चों को टिकट वितरित करते देख कई यात्रियों ने इस पल को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया।

शिक्षकों ने बताया कि इस पहल के माध्यम से छात्रों को आधुनिक और तकनीकी परिवहन प्रणाली के वास्तविक संचालन को समझने का अद्भुत मौका मिला है। इतने छोटे बच्चों को इतनी गंभीर जिम्मेदारियों को निभाते देख स्टाफ और अधिकारी भी बहुत प्रभावित हुए। एनसीआरटीसी के अनुसार, यह पहल न केवल यात्रियों और समुदाय के साथ बच्चों की सहभागिता को बढ़ावा देती है, बल्कि नमो भारत स्टेशनों को एक सामाजिक और शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी है।

बाल दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत दिव्यांग छात्रों के एक समूह ने भी नमो भारत कॉरिडोर की यात्रा की। गाजियाबाद से आनंद विहार तक की इस यात्रा में उन्होंने नमो भारत ट्रेन की गति, सुगमता, आराम और विशेष रूप से दिव्यांगजन-अनुकूल डिज़ाइन की सराहना की। स्टेशनों और ट्रेनों में रैंप, टैक्टाइल पथ, सुरक्षित प्रवेश द्वार, विशेष बैठने की व्यवस्था और सहयोगी स्टाफ ने इन विद्यार्थियों को काफी प्रभावित किया।

एनसीआरटीसी ने बताया कि ऐसे सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन आगे भी जारी रहेगा ताकि दिल्ली–गाजियाबाद–मेरठ नमो भारत कॉरिडोर न केवल सुरक्षित और अत्याधुनिक यात्रा सुविधा प्रदान करे, बल्कि सामाजिक सहभागिता, जागरूकता और सीखने का भी सशक्त माध्यम बन सके। इस कार्यक्रम ने बच्चों, शिक्षकों और यात्रियों के लिए एक यादगार पल बना दिया।

Point of View

यह पहल बच्चों को तकनीकी और सार्वजनिक सेवा के महत्व से अवगत कराती है। इस तरह की गतिविधियाँ न केवल बच्चों की क्षमता को विकसित करती हैं, बल्कि समाज में जागरूकता और सहभागिता को भी बढ़ाती हैं।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

बाल दिवस पर एनसीआरटीसी ने क्या आयोजन किया?
एनसीआरटीसी ने बच्चों को नमो भारत परिवहन प्रणाली का संचालन सौंपा, जिसमें उन्होंने विभिन्न भूमिकाओं में भाग लिया।
इस पहल का उद्देश्य क्या था?
इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को तकनीकी और प्रबंधन से अवगत कराना था।
बच्चों ने किस तरह के कार्य किए?
बच्चों ने स्टेशन कंट्रोलर, टिकट वितरक, और अन्य भूमिकाओं का संचालन किया।
क्या दिव्यांग छात्रों को भी इस आयोजन में शामिल किया गया?
हाँ, दिव्यांग छात्रों ने भी नमो भारत कॉरिडोर की यात्रा की और इसकी सुविधाओं की सराहना की।
क्या इस तरह की पहलों का आयोजन भविष्य में भी होगा?
हाँ, एनसीआरटीसी का कहना है कि ऐसे सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे।
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