क्या बलूचिस्तान में एक ही परिवार के चार सदस्यों के अपहरण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तानी सेना पर मानवाधिकारों का उल्लंघन
- एक ही परिवार के चार सदस्यों का अपहरण
- परिवारों ने सुरक्षित वापसी की मांग की
- जबरन गुमशुदगी के खिलाफ बीवाईसी का अभियान
- बलूच महिलाओं के अपहरण पर ध्यान केंद्रित
क्वेटा, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का अत्याचार जारी है। पाक सेना पर लगातार लोगों को जबरन उठाने और गायब करने के आरोप लग रहे हैं। मंगलवार को केच जिले में कई बलूच परिवारों ने पाकिस्तानी सेना द्वारा एक ही परिवार के चार सदस्यों के गायब होने के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मानवाधिकार संस्था, बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) के अनुसार, पीड़ित दो महिलाएं और दो पुरुष हैं, जिनकी पहचान फरीद एजाज, मुजाहिद दिलवाश, हनी दिलवाश, और हैर-निसा वाहिद के रूप में हुई है। आरोप है कि इन्हें पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा जबरन गायब किया गया था।
मानवाधिकार संस्था ने बताया कि उनके परिवार के सदस्य अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी की मांग करते हुए मंगलवार को सड़कों पर उतर आए हैं।
बीवाईसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, फिर भी उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है, और लापता परिवार के सदस्यों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। परिवारों का कहना है कि जब तक चारों को सुरक्षित नहीं लाया जाता, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। वे तेजाबान और आसपास के लोगों से समर्थन की अपील कर रहे हैं।
जबरन गुमशुदगी की निंदा करते हुए बीवाईसी ने प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की। इस विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ, बीवाईसी ने बलूच महिलाओं की बढ़ती गुमशुदगी पर केंद्रित 5 दिवसीय अभियान भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और दोषियों से जवाबदेही की मांग करना है।
बलूचिस्तान में बढ़ते अत्याचारों पर प्रकाश डालते हुए बलूच महिला मंच (बीडब्ल्यूएफ) ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान ने बलूच महिलाओं के अपहरण को सामान्य मानने की मानसिकता विकसित करने का प्रयास किया है।
फोरम ने बलूच महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों पर तत्काल और मानवीय आधार पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की।