क्या बंगाल में एसआईआर का पहला चरण शुरू हो गया है, और 2002 की सूची के नाम कितने हैं?

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क्या बंगाल में एसआईआर का पहला चरण शुरू हो गया है, और 2002 की सूची के नाम कितने हैं?

सारांश

पश्चिम बंगाल में भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण शुरू कर दिया है। वर्तमान मतदाता सूची में नामों की मैपिंग और मैचिंग के अनुसार, केवल 32.06 प्रतिशत नाम 2002 की सूची में मौजूद हैं। क्या यह संख्या बढ़ेगी या घटेगी?

Key Takeaways

  • पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण शुरू हुआ।
  • वर्तमान मतदाता सूची में 32.06 प्रतिशत नाम 2002 की सूची में हैं।
  • मतदाता सूची में नाम बनाए रखने के लिए कोई सहायक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है।
  • एसआईआर की प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न होगी।
  • इस प्रक्रिया की समाप्ति मार्च 2026 में होगी।

कोलकाता, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने तीन चरणों वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का पहला चरण मंगलवार से आरंभ कर दिया है। दोनों सूचियों के बीच अब तक हुए "मैपिंग और मैचिंग" के निष्कर्षों के अनुसार, वर्तमान मतदाता सूची में केवल 32.06 प्रतिशत नाम ही 2002 की मतदाता सूची में शामिल हैं।

राज्य में पिछली बार एसआईआर 2002 में आयोजित किया गया था और इसे वर्तमान एसआईआर के लिए आधार माना गया है। नामों की "मैपिंग और मैचिंग" का कार्य जारी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक सूत्र ने बताया, "पश्चिम बंगाल में मौजूदा मतदाता सूची में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.66 करोड़ है।" अब तक किए गए "मैपिंग और मैचिंग" के अनुसार, 2.46 करोड़ से भी कम ऐसे मतदाताओं के नाम मिले हैं, जिनके नाम या उनके माता-पिता के नाम 2002 की मतदाता सूची में थे।

हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि "मैपिंग और मैचिंग" का कार्य पूरा होने पर अंतिम संख्या अलग हो सकती है।

नियमों के अनुसार, मौजूदा सूची में शामिल जिन मतदाताओं के नाम या उनके माता-पिता के नाम 2002 की सूची में हैं, उन्हें स्वतः ही असली मतदाता माना जाएगा और उन्हें नई मतदाता सूची में अपना नाम बनाए रखने के लिए विधिवत भरे हुए गणना फॉर्म के अलावा कोई अन्य सहायक दस्तावेज जमा नहीं करना होगा।

हालांकि, जिन मतदाताओं के नाम 2002 की सूची में नहीं हैं, उन्हें चुनाव आयोग द्वारा अनिवार्य किए गए किसी भी दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा। हालांकि आधार कार्ड को ऐसे दस्तावेजों की सूची में शामिल किया गया है, लेकिन चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल आधार कार्ड ही पर्याप्त नहीं होगा और संबंधित मतदाता को चुनाव आयोग द्वारा निर्दिष्ट 11 अन्य दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा।

आधार को न तो नागरिकता प्रमाण माना जाएगा और न ही आयु प्रमाण।

एसआईआर तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में, बीएलओ गणना प्रपत्र लेकर हर घर पहुंचेंगे और संबंधित मतदाताओं का विवरण एकत्र करेंगे। पहले चरण के अंत में, राज्य की मसौदा मतदाता सूची की घोषणा की जाएगी।

इसके बाद दूसरे चरण में, कोई भी राजनीतिक दल या व्यक्तिगत मतदाता मसौदा सूची पर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेगा, जिसका निपटारा चुनाव आयोग की ओर से किया जाएगा।

इसके बाद, तीसरे और अंतिम चरण में, ईआरओ व्यक्तिगत राजनीतिक दलों या व्यक्तिगत मतदाताओं से प्राप्त शिकायतों का निपटारा करेंगे, जिसके बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

पूरी प्रक्रिया अधिकतम मार्च 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल में अगले साल तीन अन्य राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के साथ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होने हैं।

Point of View

NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

बंगाल में एसआईआर का पहला चरण कब शुरू हुआ?
एसआईआर का पहला चरण 4 नवंबर 2023 को शुरू हुआ।
2002 की मतदाता सूची में कितने नाम वर्तमान सूची में हैं?
वर्तमान मतदाता सूची में केवल 32.06 प्रतिशत नाम 2002 की मतदाता सूची में हैं।
मतदाता सूची में नाम बनाए रखने के लिए क्या आवश्यक है?
यदि आपका नाम 2002 की सूची में है, तो आपको कोई अन्य सहायक दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
एसआईआर की प्रक्रिया कितने चरणों में होगी?
एसआईआर तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा।
पूरी प्रक्रिया कब तक पूरी होने की उम्मीद है?
पूरी प्रक्रिया मार्च 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।