क्या बांग्लादेश में आम चुनाव तब तक नहीं होंगे जब तक सुधार पूरे नहीं होते? एनसीपी

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क्या बांग्लादेश में आम चुनाव तब तक नहीं होंगे जब तक सुधार पूरे नहीं होते? एनसीपी

सारांश

बांग्लादेश में आम चुनाव को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। एनसीपी के प्रमुख ने कहा कि जब तक चुनावी सुधार पूरे नहीं होते, तब तक चुनाव नहीं होंगे। क्या यह स्थिति बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ाएगी?

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में चुनावी सुधारों की आवश्यकता।
  • एनसीपी का चुनाव स्थगित करने का बयान।
  • बीएनपी का चुनावी निर्णय का स्वागत।
  • जमात-ए-इस्लामी की मांगें।
  • डीजीएफआई की आलोचना।

ढाका, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में अगले वर्ष फरवरी में निर्धारित आम चुनाव को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख संयोजक नसीरुद्दीन पटवारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक चुनावी और राजनीतिक सुधार पूरे नहीं होते, तब तक चुनाव आयोजित नहीं किए जा सकते।

ढाका के फार्मगेट स्थित कृषिबिद संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आयोजित नेशनल यूथ कॉन्फ्रेंस में पटवारी ने कहा, “यदि सुधारों के बिना चुनाव कराए जाते हैं, तो इस सरकार को कब्र में जाना होगा और मेरे उन भाइयों के शव लौटाने होंगे, जिन्होंने सुधारों के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।” यह बयान स्थानीय अखबार जुगांतर के हवाले से सामने आया है।

कार्यक्रम में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के संयुक्त सचिव शाहिद उद्दीन चौधरी एनी और कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जामात-ए-इस्लामी के नेता अब्दुल्ला मोहम्मद ताहेर भी उपस्थित थे।

एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले वर्ष और जुलाई डिक्लेरेशन में रियायतें दी थीं, लेकिन जुलाई चार्टर पर “एक प्रतिशत” भी समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा, “हम केवल तभी चुनाव में भाग लेंगे, जब जुलाई चार्टर के लक्ष्यों को पूरा किया जाएगा। बदलाव जरूरी है, इस पर कोई समझौता नहीं होगा। कोई भी पार्टी जुलाई चार्टर के वादों को लागू किए बिना सत्ता में नहीं आ सकती।”

गौरतलब है कि बीएनपी ने फरवरी 2026 में चुनाव कराने के फैसले का स्वागत किया है, जबकि जमात-ए-इस्लामी ने अनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली लागू करने की मांग की है और इसके लिए आंदोलन की चेतावनी दी है।

नसीरुद्दीन पटवारी ने देश की खुफिया एजेंसी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फोर्सेस इंटेलिजेंस (डीजीएफआई) की भी आलोचना की और चेतावनी दी कि यदि एजेंसी ने सही तरीके से काम नहीं किया, तो एनसीपी इसके दफ्तरों में तोड़फोड़ करेगी। उन्होंने कहा, “यह एजेंसी जनता के पैसों से चलती है, लेकिन जनता को यह नहीं पता कि कितना खर्च होता है। कोई जवाबदेही, कोई जिम्मेदारी, कोई पारदर्शिता नहीं है। इनका काम सिर्फ लोगों को डराना है। यदि हालात ऐसे ही रहे, तो हम पूछताछ कक्ष ही नहीं, मुख्यालय भी तोड़ देंगे। डीजीएफआई को बांग्लादेश में रहना है तो सुधार जरूरी है।”

बांग्लादेश में अगले आम चुनाव को लेकर असमंजस बना हुआ है। मोहम्मद यूनुस के साथ मिलकर हसीना को हटाने वाली पार्टियां अब सुधार प्रस्तावों और चुनाव की तारीख को लेकर आपस में ही टकरा रही हैं।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में आम चुनाव कब होंगे?
आम चुनाव अगले वर्ष फरवरी में प्रस्तावित हैं, लेकिन एनसीपी ने चुनावी सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया है।
एनसीपी ने चुनावी सुधारों पर क्या कहा?
एनसीपी के नेता नसीरुद्दीन पटवारी ने कहा है कि जब तक चुनावी सुधार पूरे नहीं होते, तब तक चुनाव नहीं कराए जा सकते।
क्या बीएनपी चुनाव के लिए सहमत है?
बीएनपी ने फरवरी 2026 में चुनाव कराने के फैसले का स्वागत किया है।