क्या बरेली दंगे के दो और आरोपियों को किया गया गिरफ्तार, सरकारी गन बरामद?

सारांश
Key Takeaways
- बरेली में 26 सितंबर को दंगा हुआ था।
- पुलिस ने दो आरोपियों को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं।
- पुलिस ने सरकारी बंदूक और अन्य हथियार बरामद किए हैं।
- एसआईटी मामले की गहन जांच कर रही है।
बरेली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के मामले में पुलिस ने जबरदस्त कार्रवाई करते हुए दो और आरोपियों को एनकाउंटर के बाद पकड़ लिया। बुधवार को सीबीगंज थाना पुलिस की टीम ने मुठभेड़ के दौरान दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक का नाम इद्रिश और दूसरे का नाम इकबाल बताया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि मुठभेड़ के दौरान दोनों आरोपियों को गोली लगी है, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि इद्रिश पर कुल 20 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि इकबाल पर 17 मामले पहले से चल रहे हैं।
एनकाउंटर के बाद पुलिस ने आरोपियों के पास से वह सरकारी बंदूक बरामद की है, जिसे पुलिस से छीना गया था। इसके अतिरिक्त दो तमंचे, जिंदा कारतूस, एक मोटरसाइकिल और दो मोबाइल फोन भी उनके पास से मिले हैं। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया है कि वे 26 सितंबर को हुए दंगे में शामिल थे।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि इन दोनों आरोपियों को इस घटना में शामिल कराने वाला व्यक्ति नदीम खान था। पुलिस ने बताया कि नदीम खान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अब गठित एसआईटी पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशान या प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। यदि ऐसी कोई शिकायत आती है, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित किया जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि असली दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि 26 सितंबर को इस्लामिया इंटर कॉलेज क्षेत्र में दंगा भड़क गया था। इससे पहले मंगलवार को इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान के करीबी मोहसिन रजा के घर पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई हुई थी। मोहसिन रजा ने इस कार्रवाई को पूरी तरह राजनीतिक साजिश करार दिया था।
उन्होंने कहा था, "मेरा तौकीर रजा से कोई वास्ता नहीं है, न था। मैं 2005 में इत्तेहाद छोड़ चुका हूं। ये सब आंवला के भाजपा के जिला अध्यक्ष के कहने पर हो रहा है। इससे पहले भी ये मेरे खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करा चुके हैं। मेरे भाई पर भी इसी के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है। जो कुछ भी अभी हो रहा है, वह सब उन्हीं के कहने पर हो रहा है।