क्या बरेली विवाद में मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया?

सारांश
Key Takeaways
- तौकीर रजा की गिरफ्तारी ने बरेली में तनाव बढ़ा दिया है।
- पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग किया।
- मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शांति और सहिष्णुता की आवश्यकता पर जोर दिया।
- बैनर और पोस्टरों का उपयोग विवाद को बढ़ाता है।
- समाज में संवाद और समझौते की आवश्यकता है।
बरेली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बरेली में शुक्रवार को हुई घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सक्रिय हो गई है। इसी संदर्भ में, शनिवार को इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार किया गया है। वर्तमान में, उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
तौकीर रजा ने 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर प्रदर्शन का ऐलान किया था। लेकिन, पुलिस द्वारा अनुमति न मिलने के कारण यह स्थगित कर दिया गया। इसके बावजूद, शुक्रवार को बरेली में बड़ी संख्या में विशेष समुदाय के लोग सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पथराव से स्थिति बिगड़ गई।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग किया, और कुछ लोगों को उसी दिन हिरासत में लिया गया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तौकीर रजा को गिरफ्तार किया है।
इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने 'पैगंबर मोहम्मद' के पोस्टर और बैनरों पर सवाल उठाए। बरेली में हुए हंगामे के बाद उन्होंने कहा कि पोस्टर बैनर निकालने और सड़क पर हो-हल्ला मचाने का कोई मतलब नहीं है। इस्लाम हमेशा सच्चाई और शांति की बात करता है।
मौलाना शहाबुद्दीन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "पैगंबर मोहम्मद ने हमेशा बातचीत और समझौते के जरिए समस्याओं का समाधान निकाला। हमें उनके उपदेशों का पालन करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि बैनर और पोस्टर दीवारों पर लगाए जाते हैं, लेकिन जब ये टूटकर बेकार हो जाते हैं, तो यह पैगंबर मोहम्मद की तौहीन है।
उन्होंने बरेली की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, "जो घटना हुई, वह बेहद दुखद है। बरेली के लोगों से अपील करता हूं कि वे शांति और सद्भाव बनाए रखें।"