क्या बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक में अराजकता और हिंसा को लेकर सरकार को घेरा?

सारांश
Key Takeaways
- बसवराज बोम्मई ने सरकार पर अराजकता और हिंसा के मुद्दे पर तीखी आलोचना की।
- उन्होंने किसानों के लिए तत्काल राहत राशि की आवश्यकता पर जोर दिया।
- पुलिस की नाकामी को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
- कांग्रेस और सिद्धारमैया पर भी उंगली उठाई गई है।
- राज्य में विकास कार्यों की कमी का जिक्र किया गया।
हावेरी, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और हावेरी से सांसद बसवराज बोम्मई ने बेलगाम में हुए पथराव की घटना को लेकर राज्य सरकार पर कठोर आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश में अराजकता और हिंसा अब एक प्रकार का अनुष्ठान बन चुकी है और कुछ शक्तियां इसका समर्थन कर रही हैं। बोम्मई ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में भी ऐसी ही स्थिति थी, लेकिन वहां सरकार ने सख्त कदम उठाकर हालात पर काबू पाया।
उन्होंने दावणगेरे की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि कर्नाटक में भी स्थिति को नियंत्रित किया जाना चाहिए, लेकिन पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रही है। बोम्मई ने मंड्या और मद्दुर की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वहां हालात स्थिर हैं, लेकिन राज्य में कानून का भय कम और पुलिस का भय अधिक दिखाई दे रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार कई घटनाओं को गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि इन मामलों को तुरंत गंभीरता से लें, नहीं तो जाति, धर्म और पंथ के नाम पर समाज को बांटने का रास्ता खुल जाएगा।
बोम्मई ने आर्थिक मसलों पर भी बात की और कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र के खिलाफ जीएसटी कटौती के मामले में कोर्ट जाने का फैसला किया है और इसके लिए बार-बार गलत बयानी की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया, "साल में 3,000 करोड़ रुपए और हर साल इसका हिसाब कौन देगा?"
उन्होंने किसानों की समस्याओं पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पिछली बार बारिश से प्रभावित किसानों को केंद्र की ओर से राहत मिलने के बाद राज्य सरकार ने तुरंत राहत राशि दी थी। उन्होंने कहा, "जब मैं मुख्यमंत्री था, मैंने दो बार किसानों को राहत दी थी और इसके लिए केंद्र से पैसे का इंतजार नहीं किया था। अगर वास्तव में किसानों की चिंता है तो राज्य सरकार को तुरंत राहत राशि जारी करनी चाहिए।"
उन्होंने कांग्रेस और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को निशाना बनाते हुए कहा कि सिद्धारमैया अब भी पुराने बयान पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि मुख्यमंत्री कौन होगा और कौन नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने राज्य को दिवालिया बना दिया है और विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं।
बोम्मई ने आगे कहा कि विधायकों से विकास कार्यों की सूची मांगी गई थी, लेकिन सूची में कोई ठोस विकास कार्य नहीं है। वहीं ठेकेदारों ने फिर से कमीशनखोरी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त विकास की अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य को ईमानदारी के रास्ते पर आगे बढ़ाया जाए।