क्या बंगाल में एनसीडब्ल्यू ने दुर्गापुर मेडिकल छात्रा बलात्कार मामले का स्वतः संज्ञान लिया?

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क्या बंगाल में एनसीडब्ल्यू ने दुर्गापुर मेडिकल छात्रा बलात्कार मामले का स्वतः संज्ञान लिया?

सारांश

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के बलात्कार मामले ने समाज में हलचल मचा दी है। एनसीडब्ल्यू ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया है और पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। जानें इस जघन्य अपराध के पीछे की सच्चाई और इसके सामाजिक प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया है।
  • पुलिस ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
  • पीड़िता को चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जा रही है।
  • शून्य सहनशीलता नीति के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
  • समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।

कोलकाता, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने ओडिशा की द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना का स्वतः संज्ञान लिया है।

यह घटना पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज के बाहर शुक्रवार रात घटित हुई थी।

एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहटकर ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को पत्र लिखकर सभी आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी, तेज और पारदर्शी जांच, साथ ही पीड़िता को चिकित्सा एवं मनोवैज्ञानिक सहायता की मांग की है।

आयोग ने एक बयान में कहा, "प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, अध्यक्ष अर्चना मजुमदार दुर्गापुर में पीड़िता से मुलाकात करेंगी और पुलिस कार्रवाई की समीक्षा करेंगी। आयोग ने 5 दिनों के भीतर 'कार्रवाई रिपोर्ट' मांगी है।"

इधर, पश्चिम बंगाल पुलिस ने लोगों को इस मामले में कोई भी असत्यापित जानकारी साझा न करने की चेतावनी दी है।

पुलिस ने कहा, "दुर्गापुर में ओडिशा की एक मेडिकल छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न से हम बेहद दुखी हैं। हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। पीड़िता का दर्द जितना ओडिशा का है, उतना ही हमारा भी है। हम दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।"

पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़िता की स्थिति में सुधार हो रहा है और उसके परिवार को हर प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है।

पुलिस ने आगे कहा कि हम सभी से आग्रह करते हैं कि इस संबंध में कोई भी असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें। पश्चिम बंगाल पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराधों के संदर्भ में अपनी शून्य सहनशीलता नीति पर कायम है।

इस बीच, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओडिशा में अपने समकक्ष मोहन चरण माझी द्वारा सोशल मीडिया पर जारी बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिसमें उन्होंने मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया था।

तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा था कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए कठोरतम निंदा और कठोरतम कानून की आवश्यकता होती है, लेकिन केंद्र सरकार ने अपराजिता बलात्कार विरोधी विधेयक में कर्तव्य की बजाय विलंब को प्राथमिकता दी है।

Point of View

यह घटना न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर चिंतन का विषय है। हमें महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। हर महिला को सुरक्षित महसूस करने का हक है और हमें इसे सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

एनसीडब्ल्यू ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
एनसीडब्ल्यू ने सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, त्वरित जांच और पीड़िता को चिकित्सा एवं मनोवैज्ञानिक सहायता की मांग की है।
पुलिस ने इस मामले में क्या कहा है?
पुलिस ने कहा है कि वे दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और पीड़िता की स्थिति में सुधार हो रहा है।
ममता बनर्जी का इस मामले पर क्या बयान है?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पश्चिम बंगाल पुलिस की क्या नीति है?
पश्चिम बंगाल पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराधों के संबंध में अपनी शून्य सहनशीलता नीति पर कायम है।
तृणमूल कांग्रेस का इस मामले में क्या रुख है?
तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए कठोरतम निंदा और कठोरतम कानून की आवश्यकता है।