क्या बेंगलुरु से गोवा तक वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू करने की मांग पर विचार होगा?
सारांश
Key Takeaways
- वंदे भारत एक्सप्रेस बेंगलुरु से गोवा के बीच शुरू की जाएगी।
- इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा।
- यात्री सुविधाओं में वृद्धि होगी।
- यह कदम पर्यटन को बढ़ावा देगा।
- केंद्रीय मंत्री ने इस पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध किया है।
बेंगलुरु, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने बेंगलुरु और गोवा के बीच उच्च गति रेल संपर्क की मांग को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री को एक पत्र लिखा है। उन्होंने हसन, मंगलुरु जंक्शन, उडुपी और कारवार से होते हुए बेंगलुरु से मडगांव (गोवा) तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू करने का सुझाव दिया है।
कुमारस्वामी ने पत्र में बताया कि घाट सेक्शन का विद्युतीकरण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, जिससे यह मार्ग अब वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह ट्रेन लाखों यात्रियों के लिए जो पर्यटन, तीर्थयात्रा, शिक्षा और नौकरी संबंधित यात्रा करती हैं, सुविधाएं बढ़ाएगी। इससे बेंगलुरु, जो भारत की आईटी राजधानी है, और तटीय कर्नाटक तथा गोवा के प्रमुख व्यापारिक, बंदरगाह और पर्यटन केंद्रों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस मार्ग पर बेहतर रेल कनेक्टिविटी से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और अंतर-राज्यीय संपर्क में सुधार होगा। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के एकीकृत, कुशल और आधुनिक रेल नेटवर्क बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
कुमारस्वामी ने रेल मंत्री से विनम्र अनुरोध किया है कि वे इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करें और दक्षिण पश्चिम रेलवे के अधिकारियों को इसकी व्यवहार्यता जांचने तथा आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दें। उन्होंने आशा जताई कि उनके अनुरोध पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई होगी, जिससे बढ़ती यात्री मांग पूरी की जा सकेगी।
कर्नाटक और गोवा के तटीय क्षेत्रों के लोग लंबे समय से इस मार्ग पर तेज रफ्तार ट्रेन की मांग कर रहे हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरूआत से यात्रा का समय काफी कम होगा और दोनों राज्यों के बीच आवागमन आसान बनेगा। यह कदम क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करेगा।