क्या भगवान जगन्नाथ जन-जन के भगवान हैं? रथ यात्रा सांस्कृतिक एकता का प्रतीक : रबी नारायण नाइक

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क्या भगवान जगन्नाथ जन-जन के भगवान हैं? रथ यात्रा सांस्कृतिक एकता का प्रतीक : रबी नारायण नाइक

सारांश

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ओडिशा में धूमधाम से शुरू हुई। ग्रामीण विकास मंत्री रबी नारायण नाइक ने इस उत्सव को भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों का प्रतीक बताया है। यह आयोजन सभी समुदायों की एकता और भक्ति का प्रतीक है।

Key Takeaways

  • रथ यात्रा एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है।
  • यह सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
  • भगवान जगन्नाथ सभी को समान रूप से दर्शन देते हैं।
  • इसमें सभी समुदाय के लोग भाग लेते हैं।
  • यह उत्सव हमें एकजुटता का संदेश देता है।

पुरी, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा का उत्सव आज ओडिशा के पुरी में भव्यता और भक्ति भाव के साथ आरंभ हुआ है। इस अवसर पर ओडिशा के ग्रामीण विकास मंत्री रबी नारायण नाइक ने भगवान जगन्नाथ की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि यह उत्सव भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों का प्रतीक है।

उन्होंने कहा, "जय जगन्नाथ! भगवान जगन्नाथ केवल एक देवता नहीं हैं, बल्कि जन-जन के भगवान हैं। उनकी महिमा सिर्फ पुरी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में फैली हुई है। रथ यात्रा का आयोजन पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में भव्य और व्यवस्थित रूप से किया गया है, जिसमें सभी समुदाय के लोग उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं।"

मंत्री नाइक ने इस अवसर पर कहा कि जगन्नाथ संस्कृति एक ऐसी सांस्कृतिक धरोहर है जो जाति, पंथ और धर्म की सीमाओं से परे है। भगवान जगन्नाथ सभी को समान रूप से दर्शन देते हैं और लोग अपार भक्ति के साथ उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह उत्सव हमें एकजुटता और समानता का संदेश देता है। रथ यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।

मंत्री नाइक ने इस सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार और प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा, "इस वर्ष रथ यात्रा का आयोजन अत्यंत व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से किया गया है। सभी अनुष्ठानों का पालन पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ किया गया। हमारी सरकार ने इस आयोजन के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। मैं प्रशासन और विशेष रूप से हमारे मुख्यमंत्री को उनके प्रयासों के लिए दिल से धन्यवाद देता हूं।"

उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालु इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा, यातायात और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छता और पेयजल की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया। यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत हम सभी के लिए गर्व का विषय है। इसे संजोना और अगली पीढ़ियों तक पहुंचाना हम सब की जिम्मेदारी है।

Point of View

NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा कब होती है?
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा हर वर्ष ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को होती है।
इस उत्सव का महत्व क्या है?
यह उत्सव भारतीय संस्कृति की गहराई और सभी समुदायों की एकता का प्रतीक है।
कौन भाग ले सकता है?
इस रथ यात्रा में सभी लोग, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों, भाग ले सकते हैं।
क्या रथ यात्रा में सुरक्षा के उपाय किए जाते हैं?
हाँ, रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा, यातायात और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए जाते हैं।
रथ यात्रा के दौरान कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?
रथ यात्रा के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं।