क्या दीपोत्सव पर मंदिरों में उमड़ी आस्था, दर्शन के लिए सुबह से ही पहुंच रहे हैं श्रद्धालु?

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली अंधकार पर प्रकाश का प्रतीक है।
- मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें हैं।
- खरीदारी में इस बार वृद्धि देखी गई है।
- भक्तों ने विशेष पूजा और भजन संकीर्तन किया।
- सभी जगह भक्ति और उल्लास का माहौल है।
सीकर, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के कोने-कोने में दीपावली का पर्व उत्साह, धूमधाम और खुशियों के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है।
सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। लोग स्नान और ध्यान करने के बाद भगवान के दर्शन कर रहे हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि, धन-धान्य और स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं। घरों से लेकर मंदिरों तक भक्ति और उल्लास का वातावरण बना हुआ है। हर जगह घंटियों की मधुर ध्वनि, मंत्रोच्चारण और दीपों की जगमगाहट माहौल को दिव्य बना रही है।
राजस्थान के सीकर में भी दीपोत्सव का उत्साह अपने चरम पर है। शहर के प्राचीन कल्याणजी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। चल रहे 16 दिवसीय महालक्ष्मी महोत्सव के तहत आज मां लक्ष्मी को 108 मीटर लंबी चुनरी ओढ़ाई गई। भक्तों ने दीप प्रज्वलन, भजन संकीर्तन और विशेष पूजन के साथ दीपावली का पर्व मनाया।
मंदिरों में सजाए गए पुष्प और दीपों से वातावरण सुगंधित और पवित्र हो गया है। घरों में भी लजीज पकवानों की खुशबू रसोई को महका रही है। शाम को हर आंगन, मुंडेर और मंदिर दीपों की पंक्तियों से जगमग होंगे।
दूसरी ओर, मुंबई में भी दीपावली का उत्सव अपने चरम पर है। दादर फूल मार्केट में सुबह से ही जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। घरों की सजावट के लिए लोग बड़ी संख्या में फूल खरीदने पहुंचे हैं। गुलदस्तों, मालाओं और तोरणों से बाजार भरा हुआ है।
दुकानदारों का कहना है कि इस बार खरीदारों की संख्या पिछले सालों की तुलना में कहीं अधिक है। हालांकि हाल में आई बाढ़ के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ा, फिर भी बाजार में फूलों की आवक और बिक्री दोनों में उत्साहजनक वृद्धि देखी जा रही है। व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बार दीपावली पर अच्छी कमाई होगी और नुकसान की भरपाई हो सकेगी।