क्या भगवान विपक्ष के नेताओं को सद्बुद्धि देंगे? : केशव प्रसाद मौर्य

सारांश
Key Takeaways
- भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी का आयोजन
- उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा नेतृत्व
- समाजवादी पार्टी के नेताओं पर नकारात्मक राजनीति के आरोप
- भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास
- नवरात्रि के दौरान धार्मिक भावनाओं का सम्मान
लखनऊ, २२ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। संस्कृति मंत्रालय रूस के काल्मिकिया में २४ सितंबर से १ अक्टूबर तक भगवान बुद्ध से संबंधित पिपरहवा (कपिलवस्तु) के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी लगाने जा रहा है। भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र अवशेषों को रूस में प्रदर्शित करने वाले प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य करेंगे।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "मुझे रूस के काल्मिकिया जाने का अवसर मिला है और मैं प्रधानमंत्री की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करूंगा। इस तरह से सेवा करना मेरे लिए बहुत गर्व और सौभाग्य की बात है।"
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति हृदय से आभार प्रकट करते हुए कहा कि वह पूरे विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उन्हें दुनिया के २७ देशों ने अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि तीन देशों में पहले पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी लग चुकी है। इनमें थाईलैंड, मंगोलिया और वियतनाम शामिल हैं। मुझे रूस के एक गणराज्य काल्मिकिया जाने का मौका मिला है। यह मेरे लिए गर्व की बात है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के जीएसटी को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट में पूछे गए सवालों के संदर्भ में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव या विपक्ष के अन्य नेता राजनीति करते हैं, वे सकारात्मक राजनीति नहीं करना चाहते हैं। नवरात्रि में लोग मां दुर्गा की आराधना करते हैं, कोई महिषासुर की आराधना नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पवित्र समय है और जीएसटी के माध्यम से बचत का एक अवसर लोगों के लिए आया है। भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लिए जो हमें जरूरत है, ऐसे सामान हम अपने देश में बनाएं और जो हमें खरीदना है, वह अपने देश में बना हुआ खरीदें।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह बातें कही हैं। उनकी बातों का सभी को स्वागत करना चाहिए। यदि कोई कमी खोजना है, तो भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें।