क्या मध्य प्रदेश में भाई दूज पर बहनें बंदी भाइयों को तिलक करने जेल पहुंचीं?

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क्या मध्य प्रदेश में भाई दूज पर बहनें बंदी भाइयों को तिलक करने जेल पहुंचीं?

सारांश

मध्य प्रदेश में भाई दूज का पर्व एक अनोखे तरीके से मनाया जा रहा है, जहाँ बहनें अपने बंदी भाइयों के साथ इस त्योहार का आनंद ले रही हैं। इस अवसर पर प्रशासन ने भी शानदार व्यवस्थाएँ की हैं, जिससे यह पर्व और भी खास बन गया है। जानिए इस खास दिन की दिलचस्पी.

Key Takeaways

  • मध्य प्रदेश में भाई दूज का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया।
  • बहनें अपने बंदी भाइयों से मिलने के लिए जेल पहुंचीं।
  • जेल प्रशासन ने मुलाकात के लिए विशेष इंतजाम किए।
  • भाई दूज पर तिलक और मिठाई का आदान-प्रदान हुआ।
  • परिवार का प्यार हर स्थिति में महत्वपूर्ण है।

भोपाल, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में भाई दूज का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना कर रही हैं। विभिन्न जेलों में बंद बंदियों की बहनें भी जेल पहुंचीं और अपने भाइयों को तिलक किया। इस अवसर पर प्रशासन ने भी खास इंतजाम किए।

भोपाल से लेकर छोटे-छोटे शहरों की जेलों तक बहनें अपनी भाइयों को भाई दूज का टीका लगाने पहुंचीं। जहाँ बहनों ने भाइयों के लिए मंगल कामना की, वहीं भाइयों ने भी बहनों के सम्मान का वादा किया। शिवपुरी सर्किल जेल में भी यही नज़ारा देखने को मिला, जहाँ बहनें अपने भाइयों को भाई दूज का टीका लगाने आईं। बंदियों से मिलने के लिए जेल प्रशासन ने आवश्यक व्यवस्थाएँ की थीं।

जेल प्रशासन के अधिकारियों ने जानकारी दी कि सर्किल जेल शिवपुरी के अंतर्गत जिला जेल गुना, अशोकनगर, श्योपुर और अन्य उप-जेलों में भी बहनों ने अपने भाइयों से मुलाकात की। बहनों ने बताया कि उन्होंने अपने भाइयों को टीका लगाया और मिठाई खिलाई। प्रत्येक बंदी के लिए मुलाकात का अधिकतम समय 10 मिनट निर्धारित किया गया था, जो सुबह साढ़े नौ बजे से लेकर ढाई बजे तक चला।

चंद्रकांता ने बताया कि उनके भाई को एक केस में जेल में रहना पड़ा, लेकिन वह हर साल भाई दूज पर अपने भाई से मिलने आती हैं। यहाँ की व्यवस्था बहुत अच्छी थी। एक महिला रामदुलारी ने साझा किया कि उन्होंने अपने भाई को टीका लगाया और मिठाई भी खिलाई।

शिवपुरी सर्किल जेल के अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि भाई दूज के लिए जेल प्रशासन ने बहनों से मुलाकात कराने के लिए विशेष इंतजाम किए थे। अधिकारियों ने यह भी बताया कि जेल के अंदर किसी भी महिला को पर्स, मोबाइल, नकदी या अन्य कीमती सामान लेकर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। मुलाकात के दौरान महिलाएं केवल 250 ग्राम तक मिठाई, गज़क या सोनपपड़ी ले जा सकती थीं।

जेल प्रशासन ने सभी बहनों के लिए पूजा थाल की व्यवस्था की थी, जिसमें हल्दी, कुमकुम, चावल आदि सामग्री उपलब्ध कराई गई। इस व्यवस्था से मिलने आई बहनें खुश नजर आईं। ग्वालियर जेल में भी भाई दूज पर बहनों के लिए खास इंतजाम किए गए थे। बहनों ने भाइयों को तिलक किया और भाई दूज का उत्सव मनाया।

Point of View

जहां लोग अपनी गलती की सजा काट रहे हैं, वहाँ पर भी परिवार का प्यार और समर्थन उनकी आत्मा को सुकून देता है। ऐसे पर्व समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ाते हैं।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

भाई दूज क्या है?
भाई दूज एक पारंपरिक भारतीय त्योहार है, जो भाई-बहन के रिश्ते को मनाने के लिए मनाया जाता है।
जेल में भाई दूज कैसे मनाया जाता है?
जेल में भाई दूज मनाने के लिए प्रशासन विशेष व्यवस्थाएँ करता है, जिससे बहनें अपने बंदी भाइयों से मिल सकें।
भाई दूज पर क्या खास होता है?
इस दिन बहनें भाइयों को तिलक करती हैं और उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य और खुशियों की कामना करती हैं।