क्या भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के पीएम सेरिन तोबके से मुलाकात की?

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क्या भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के पीएम सेरिन तोबके से मुलाकात की?

सारांश

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के पीएम सेरिन तोबके से मुलाकात की। इस मुलाकात में जलविद्युत, व्यापार और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई। इस महत्वपूर्ण वार्ता के पीछे क्या है, जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • जलविद्युत और व्यापार पर चर्चा हुई।
  • भारत और भूटान के बीच रेलवे कनेक्शन की शुरुआत होगी।
  • दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए यह मुलाकात महत्वपूर्ण है।
  • भूटान में कोई वर्तमान रेल नेटवर्क नहीं है।
  • इन परियोजनाओं से व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के प्रधानमंत्री सेरिन तोबके से एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। विदेश सचिव मिस्री 3 अक्टूबर को अपने भूटान दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने पीएम तोबके के साथ जलविद्युत, व्यापार और लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा की।

भूटान में भारतीय दूतावास ने 'एक्स' पर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "प्रगति और विकास के लिए एक साथ। नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को बनाए रखते हुए, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने विशेष और बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा के लिए 3 अक्टूबर 2025 को भूटान का दौरा किया।"

दूतावास ने आगे कहा कि अपनी यात्रा के दौरान, विदेश सचिव ने महामहिम नरेश से भी मुलाकात की और भूटान के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री से संवाद किया।

भूटान के पीएम ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "मुझे भारत सरकार के विदेश सचिव, महामहिम विक्रम मिस्री से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमने भूटान और भारत के बीच संपर्क, जलविद्युत, लोगों के बीच संबंधों और व्यापार एवं वाणिज्य सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।"

ज्ञात रहे कि भारत और भूटान के बीच रेलवे कनेक्शन की शुरुआत होने जा रही है। इस संबंध में, भारत सरकार ने 29 सितंबर को 69 किलोमीटर और 20 किलोमीटर लंबी दो सीमा पार रेलवे परियोजनाओं की घोषणा की। यह रेल लाइन भूटान को असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से जोड़ेगी। 69 किलोमीटर लंबी कोकराझार (असम)-गेलेफू (भूटान) और 20 किलोमीटर लंबी बनारहाट (पश्चिम बंगाल)-समत्से (भूटान) रेल लाइन की लागत क्रमशः 3,456 करोड़ रुपये और 577 करोड़ रुपये होगी।

यह घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त रूप से की। इसके बाद, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार और भूटान के विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन ने रेल संपर्क स्थापित करने के लिए एक औपचारिक अंतर-सरकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

बता दें, वर्तमान में भूटान में कोई रेल नेटवर्क नहीं है। गेलेफू और समत्से लाइन पड़ोसी देश में इस तरह की पहली परियोजना होगी। भूटान के साथ भारत के ऐतिहासिक रूप से शांतिपूर्ण संबंधों को देखते हुए, इन दोनों रेल परियोजनाओं से इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सक्रियता के बीच संबंधों में मजबूती आने और पूरे क्षेत्र में व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।

-- राष्ट्र प्रेस

कनक/एएस

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और भूटान के बीच मजबूत संबंध हमारे देश के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। यह मुलाकात न केवल द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगी, बल्कि क्षेत्र में स्थिरता की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम होगी।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत और भूटान के बीच रेलवे कनेक्शन कब शुरू होगा?
भारत सरकार ने 29 सितंबर को भूटान के साथ रेलवे कनेक्शन के लिए दो परियोजनाओं की घोषणा की।
इस मुलाकात में किन विषयों पर चर्चा हुई?
इस मुलाकात में जलविद्युत, व्यापार, और लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा की गई।