क्या भारत और दक्षिणी सूडान ने एफओसी की पहले दौर की बैठक में स्वास्थ्य और तकनीक पर चर्चा की?

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क्या भारत और दक्षिणी सूडान ने एफओसी की पहले दौर की बैठक में स्वास्थ्य और तकनीक पर चर्चा की?

सारांश

भारत और दक्षिणी सूडान के बीच हुई पहली एफओसी बैठक में स्वास्थ्य, तकनीक और व्यापार पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। यह बैठक जुबा में हुई, जिसमें दोनों देशों ने आपसी सहयोग और साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने का संकल्प लिया।

Key Takeaways

  • भारत और दक्षिणी सूडान के बीच एफओसी का पहला दौर हुआ।
  • बैठक में स्वास्थ्य, तकनीक और व्यापार पर चर्चा हुई।
  • दोनों पक्षों ने साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
  • अगला एफओसी दौर नई दिल्ली में होगा।
  • दोनों देशों ने क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और दक्षिणी सूडान के बीच फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन (एफओसी) का पहला दौर आयोजित किया गया। यह बैठक दक्षिणी सूडान के जुबा में 4 दिसंबर 2025 को संपन्न हुई। इस एफओसी बैठक में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत हुई।

विदेश मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, भारत का प्रतिनिधित्व एमईए के संयुक्त सचिव (डब्ल्यूएएनए) डॉ. एम. सुरेश कुमार ने किया। जबकि दक्षिणी सूडान की ओर से विदेश और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय के द्विपक्षीय संबंध के निदेशक जनरल, एम्बेसडर फिलिप जाडा नताना उपस्थित रहे।

बैठक में क्षमता निर्माण, मानव संसाधनों के विकास, स्वास्थ्य, तकनीक, और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर चर्चा की गई। इसके अलावा, व्यापार और लोगों के बीच संबंधों में सहयोग पर भी विचार विमर्श हुआ। दोनों देशों के संबंधों की पूरी समीक्षा करने के साथ-साथ साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा की गई।

दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग को लेकर संतोष व्यक्त किया और उच्च स्तरीय बातचीत तथा नियमित संस्थागत बैठकों को जारी रखने का संकल्प लिया। क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार साझा किए गए और यूएन सहित अन्य बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस दौरे के दौरान डॉ. सुरेश कुमार ने उपराष्ट्रपति और आर्थिक क्लस्टर प्रमुख जेम्स वानी इग्गा, विदेश मंत्री एम्ब. मंडे सेमाया केनेथ कुम्बा, खनन मंत्री मार्टिन अबुचा, पशुधन और मत्स्य पालन मंत्री ओन्योती अडिगो न्यिकेक, और विदेश मामलों के उपमंत्री एम्बेसडर अकुई बोना मालवाल से भी बातचीत की।

बैठक के दौरान दोनों देशों ने मौजूदा साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। डिप्लोमैटिक रिलेशन के शुरू होने के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया गया।

इसके अलावा, दोनों देशों ने सहयोग के नए रास्ते खोजने पर सहमति जताई और फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन का अगला दौर नई दिल्ली में आपसी सहमति से तय तारीख पर आयोजित किया जाएगा। एमईए ने इस बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की।

Point of View

तकनीक और व्यापार में सहयोग के माध्यम से नए अवसर पैदा होने की संभावना है।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

एफओसी का क्या महत्व है?
एफओसी, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
भारत और दक्षिणी सूडान के बीच क्या सहयोग है?
दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, तकनीक, व्यापार और मानव संसाधन विकास में सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
बैठक का स्थान और समय क्या था?
यह बैठक 4 दिसंबर 2025 को दक्षिणी सूडान के जुबा में आयोजित की गई।
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