क्या भारत और इंडोनेशिया समुद्री डकैती और तस्करी जैसे अपराधों को रोकने में सफल होंगे?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और इंडोनेशिया का सहयोग समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने में सहायक है।
- समुद्री डकैती और तस्करी के खिलाफ संयुक्त प्रयास किए जा रहे हैं।
- इस यात्रा में पेशेवर गतिविधियों का व्यापक कार्यक्रम शामिल है।
- समुद्री प्रदूषण को रोकने के लिए काम किया जा रहा है।
- दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग भी महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समुद्री डकैती, तस्करी, समुद्री दुर्घटनाएं और पर्यावरणीय आपदाएं इन मुद्दों के समाधान के लिए भारत और इंडोनेशिया एक साथ आए हैं। वास्तव में, आसियान देशों की विदेश तैनाती के तहत भारतीय समुद्री जहाज इंडोनेशिया पहुंचा है। दोनों देश यहां समुद्री डकैतों के खिलाफ एक रणनीति और अभ्यास विकसित करने पर कार्य कर रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, तटरक्षक बल का जहाज इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता का परिचालन दौरा कर रहा है। यह यात्रा 2 दिसंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक जारी रहेगी। इस तीन दिवसीय यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और इंडोनेशिया के तटरक्षक बलों के बीच समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और कानून प्रवर्तन में सहयोग को और मजबूत बनाना है। यहां पेशेवर गतिविधियों का एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया गया है।
यात्रा के दौरान भारतीय तटरक्षक बल और इंडोनेशियाई तटरक्षक बल के कर्मियों ने कई संयुक्त गतिविधियों में भाग लिया, जिसमें पेशेवर बातचीत, टेबलटॉप एक्सरसाइज, जहाज पर अभ्यास और संयुक्त प्रशिक्षण सत्र शामिल हैं। इन गतिविधियों का मुख्य फोकस समुद्री कानून प्रवर्तन, समुद्री प्रदूषण को रोकने, और सर्च एंड रेस्क्यू जैसे क्षेत्रों पर रहा। इन क्षेत्रों में दोनों देशों की बड़ी जिम्मेदारी और विशाल समुद्री सीमाएं उन्हें स्वाभाविक भागीदार बनाती हैं। दोनों देश समुद्री अपराध और चुनौतियों के खिलाफ संयुक्त तैयारी भी कर रहे हैं।
भारतीय समुद्री जहाज की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान ऐसे विषयों पर संयुक्त क्षमता विकसित की जा रही है जो क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। इनमें अवैध, अनियमित और अनरिपोर्टेड मछली पकड़ना, समुद्री डकैती, तस्करी, और मानव-व्यापार जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। इसके अलावा, समुद्री दुर्घटनाओं और पर्यावरणीय आपदाओं से निपटने के लिए भी दोनों देशों के तटरक्षक बल कार्य कर रहे हैं। यहां दोनों देशों के जवानों के बीच पासेक्स एक्सरसाइज भी आयोजित की जाएगी।
इससे दोनों देशों की समुद्री संचार प्रणाली, संचालन क्षमता और समन्वय को और बेहतर बनाया जा सकेगा। दोनों देशों के लोगों के बीच जुड़ाव और सांस्कृतिक सहयोग भी मुख्य विषय है। सहयोग को बढ़ाने के लिए कई गतिविधियां आयोजित की गई हैं, जिनमें स्थानीय समुदायों से औपचारिक शिष्टाचार मुलाकातें, जहाज भ्रमण, योग सत्र, और खेल गतिविधियां शामिल हैं। इनसे दोनों देशों के कर्मियों के बीच बेहतर समझ, विश्वास, और मित्रता का निर्माण होगा।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि भारत और इंडोनेशिया के बीच समुद्री सहयोग का मुख्य स्तंभ जुलाई 2020 में दोनों तटरक्षक बलों के बीच हस्ताक्षरित समझौता है। इस समझौते के तहत सहयोग का ढांचा मजबूत हुआ है। इसमें संयुक्त पेट्रोलिंग, कानून प्रवर्तन, सर्च एंड रेस्क्यू, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, जानकारी साझा करना, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर सहयोग किया जा रहा है। इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच पेशेवर प्रशिक्षण, बेहतर इंटरऑपरेबिलिटी, और संयुक्त अभियानों को नई दिशा मिली है। यह दोनों देशों के बीच लंबे समय से मजबूत साझेदारी को दर्शाता है।
इंडोनेशिया लगातार भारत द्वारा आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेता रहा है, जबकि भारतीय जहाजों की इंडोनेशिया यात्राएं व्यावहारिक प्रशिक्षण और क्रॉस-डेक इंटरैक्शन को बढ़ावा देती हैं। जकार्ता में भारतीय तटरक्षक बल के जहाज की उपस्थिति इंडो-पैसिफिक में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत बनाने में भारत की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस विशाल जहाज का अगला पड़ाव मलेशिया है।
जकार्ता दौरे की समाप्ति के बाद यह पोर्ट क्लांग, मलेशिया के लिए रवाना होगा। यह आसियान देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग, संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमता और समुद्री शांति एवं स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में भारत का एक महत्वपूर्ण कदम है।