क्या भारत और मोरक्को ने समुद्री सुरक्षा पर मिलकर काम करने का निर्णय लिया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और मोरक्को के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई।
- समुद्री सुरक्षा पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मोरक्को यात्रा पहली थी।
- दोनों देशों ने क्षमता-निर्माण पर चर्चा की।
- संयुक्त संचालन और पोर्ट कॉल्स पर सहमति हुई।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समुद्री सुरक्षा और इससे संबंधित गतिविधियों के लिए भारत और मोरक्को एक संयुक्त पहल कर रहे हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ नेताओं और सैन्य अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय संवाद हो रहा है। इस क्रम में मंगलवार को रॉयल मोरक्कन नेवी के प्रमुख रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन ने भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी से मुलाकात की।
ज्ञात हो कि हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को की यात्रा की थी, जो कि भारत के किसी रक्षा मंत्री द्वारा की गई पहली यात्रा थी। रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन, जो कि रॉयल मोरक्कन नेवी के इंस्पेक्टर हैं, भारत के आधिकारिक दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे। उन्हें साउथ ब्लॉक लॉन में सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।
भारतीय नौसेना प्रमुख ने उनका स्वागत किया। इसके पश्चात नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन के बीच आधिकारिक बैठक हुई। साउथ ब्लॉक में दोनों पक्षों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें समुद्री सुरक्षा, क्षमता-निर्माण, और नौसैनिक सहयोग को और मजबूत करने पर गहन चर्चा की गई।
बातचीत में संचालनात्मक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया। दोनों नौसेनाओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती समुद्री चुनौतियों को देखते हुए संयुक्त संचालन, पोर्ट कॉल्स और अभ्यासों में भागीदारी को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।
विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा, तस्करी और गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। वार्ता के दौरान भारतीय नौसेना की प्रशिक्षण सुविधाओं, सिमुलेटरों और तकनीकी स्कूलों में मोरक्कन नेवी कर्मियों के लिए संरचित और नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।
इसके अलावा, दोनों देशों के युवा अधिकारियों के लिए ‘एक्सचेंज प्रोग्राम’ को विस्तारित करने पर सहमति बनी। समुद्री क्षेत्र में उभरते खतरों और ग्रे-जोन चुनौतियों को देखते हुए इन्फॉर्मेशन शेयरिंग और मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस पर सहयोग को और सुदृढ़ करने पर बल दिया गया।
यह कदम हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षित समुद्री मार्ग और मुक्त नौवहन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत और मोरक्को ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, शांतिपूर्ण समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई। यह मुलाकात भारत-मोरक्को नौसैनिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण चरण है, जो भविष्य में दोनों देशों की रक्षा साझेदारी को नई दिशा प्रदान करेगी।
रियर एडमिरल ताहिन की यह यात्रा हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोगात्मक समुद्री सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हाल ही में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की। इस यात्रा के दौरान वे कासाब्लांका पहुंचे थे। यह मोरक्को का दौरा करने वाले किसी भी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली ऐतिहासिक यात्रा थी। इस यात्रा को भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।
राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय वार्ता की और रक्षा एवं सामरिक सहयोग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। मोरक्को के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लौदियी के निमंत्रण पर राजनाथ सिंह वहां गए थे। यह भारतीय रक्षा मंत्री की उत्तरी अफ्रीकी देश की पहली यात्रा थी, जो भारत और मोरक्को के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग को दर्शाती है। राजनाथ सिंह की मौजूदगी में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स मोरक्को के बेरेचिड में व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचएपी) 8 बाई 8 के नए निर्माण संयंत्र का उद्घाटन किया गया। यह संयंत्र अफ्रीका में पहला भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र है।