क्या भारत और पैराग्वे ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए पहली बैठक की?

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क्या भारत और पैराग्वे ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए पहली बैठक की?

सारांश

भारत और पैराग्वे ने असुनसियन में पहली संयुक्त आयोग बैठक की। इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की गई। क्या यह बैठक दोनों देशों के लिए नए व्यापारिक रिश्तों की शुरुआत का आधार बनेगी?

Key Takeaways

  • द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई।
  • कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, और सूचना प्रौद्योगिकी पर जोर दिया गया।
  • आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर सहमति हुई।
  • व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करने के नए अवसरों पर चर्चा हुई।
  • अगली बैठक नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी।

असुनसियन, १५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और पैराग्वे ने पैराग्वे की राजधानी असुनसियन में संयुक्त आयोग तंत्र (जेसीएम) की पहली बैठक आयोजित की। इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति का विस्तार से समीक्षा किया।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को जानकारी दी कि बैठक की सह-अध्यक्षता पराग्वे के उप विदेश मंत्री, राजदूत विक्टर वर्दुन और भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पेरियासामी कुमारन ने की।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस की हालिया भारत यात्रा से उत्पन्न द्विपक्षीय संबंधों में आई नई गतिशीलता पर चर्चा की। यह यात्रा राजनीतिक संवाद को मजबूत करने और साझा हितों के विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "बैठक में द्विपक्षीय एजेंडे के मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें राजनीतिक और आर्थिक संबंध, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और निवेश, नागरिक उड्डयन, पर्यटन, अंतरिक्ष, सतत विकास और जल संसाधन में सहयोग शामिल हैं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मंचों और संगठनों में सहयोग सहित साझा हितों के बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।"

बयान में आगे कहा गया कि दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने, व्यापार को बढ़ावा देने, निवेश को प्रोत्साहित करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में बहुआयामी साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ द्विपक्षीय समझौतों पर बातचीत को आगे बढ़ाने के महत्व पर सहमत हुए।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक के दौरान कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा (खासतौर पर सौर), जैव ईंधन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियाँ, साइबर सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा एवं तकनीकी प्रशिक्षण, नागरिक उड्डयन, बुनियादी ढाँचा, रेलवे, जल प्रबंधन एवं सहयोग, सतत विकास, और अंतरिक्ष सहयोग के क्षेत्रों को प्राथमिकता के रूप में पहचाना गया।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।

इसके साथ ही दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और वैश्विक स्तरों पर समन्वित प्रयासों के माध्यम से आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। उन्होंने पारस्परिक लाभ के लिए सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की इच्छा भी व्यक्त की।

विदेश मंत्रालय ने कहा, "पराग्वे ने भारत और मर्कोसुर सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने की अपनी इच्छा दोहराई और याद दिलाया कि जून २०२५ में राष्ट्रपति सैंटियागो पेना की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान, दोनों सरकारों ने मर्कोसुर-भारत अधिमान्य व्यापार समझौते के ढांचे के भीतर वाणिज्यिक संबंधों को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।"

वहीं अगली बैठक में नई दिल्ली में दोनों पक्षों द्वारा आपसी सहमति से तय की जाने वाली तारीख पर आयोजित किए जाने पर भी सहमति बनी।

Point of View

भारत और पैराग्वे के बीच की यह बैठक एक सकारात्मक कदम है, जो द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। सामूहिक प्रयासों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और आर्थिक विकास की संभावनाएँ उजागर होती हैं।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत और पैराग्वे के बीच पहली संयुक्त आयोग बैठक में क्या चर्चा हुई?
बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की गई।
बैठक में किन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया?
राजनीतिक, आर्थिक संबंध, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर ध्यान दिया गया।
क्या आतंकवाद पर भी चर्चा हुई?
जी हाँ, आतंकवाद को एक गंभीर खतरा मानते हुए इससे मुकाबले के लिए सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया।
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